हमीरपुर: राजकीय उच्च कन्या पाठशाला, सुजानपुर में उप मण्डल स्तरीय दो दिवसीय बाल-विज्ञान सम्मेलन आयोजित किया गया। बाल-विज्ञान सम्मेलन का शुभारम्भ जिला विज्ञान पर्यवेक्षक अश्वनी चम्बयाल ने सरस्वती बंदना के साथ किया । उन्होंने अपने संबोधत में कहा कि वर्तमान परिवेश में वैज्ञानिक सोच बहुत महत्वपूर्ण है । उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति सबसे पुरानी है जोकि पूर्णतय: वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि हमें बच्चों में रचनात्मक सोच विकसित करनी होगी तथा अपने इर्दगिर्द घटने वाली दैनिक घटनाओं को विज्ञान के साथ जोड़कर उनके घटित होने के बारे में बच्चों को चिन्तन करने योग्य बनाना होगा ताकि उन्हें विज्ञान की पढ़ाई सरल तथा आकर्षक लगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान पीढ़ी को वैज्ञानिक खोज में अच्छे अवसर मिल रहे हैं तथा बच्चे इस क्षेत्र में जाकर अपने कैरियर के साथ देश के विकास में योगदान दे सकते हैं। आज समाज में अंधविश्वास फैला है लोग डॉक्टरों के पास कम और डोंगी एवं पंखण्डियों के पास जाना अधिक पसंद करते हैं, इस अंधविश्वास को विज्ञान के प्रचार-प्रसार से मिटाया जा सकता है। इस मौके पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, सुजानपुर के प्रधानाचार्य एचएस राणा ने बच्चों की गत वर्ष की उपलब्धियों का ब्यौरा देते हुए बधाई दी और कहा कि इस वैज्ञानिक युग में अपने आपको अधिकाधिक अध्यायन एवं प्रयोगात्मक दृष्टि से तैयार करें। स्थानीय स्कूल के मुख्याध्यापक ने उपस्थित नन्हें विज्ञानिकों का स्वागत करते हुए जानकारी दी कि इस साईंस सम्मेलन में उपमण्डल के 40 स्कूलों के 205 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। इस मौके पर दिनेश ठाकुर, नरेन्द्र मुसाफिर , प्रवीण सिंह, अरूण शर्मा, सुशाील चौहान, प्रीतम सिंह, नरेश कुमार व डॉ विजय कुमार के अतिरिक्त बच्चों के अभिभाव उपस्थित रहे।