बछवाड़ा/बेगूसराय(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: राकेश कुमार। सैंयां भये कोतवाल तो फिर काहे का डर” उक्त पंक्ति इन दिनों बछवाड़ा के शिक्षकों पर फिट बैठने लगी है। अथवा युं कहें कि शिक्षकों की दबंगई एवं कर्तव्यहीनता के कारण सर्व शिक्षा अभियान एवं नौनिहालों का भविष्य बीच रास्ते में ही दम तोड़ रही है। बताते चलें कि मंगलवार 6 अगस्त को दादुपुर पंचायत स्थित भासो नंदनी संंतोष प्राथमिक विद्यालय उसराही बिंदटोली के छात्र-छात्राएं समय पर बस्ता लेकर स्कूल पहुंचे।
मगर वहां कोई शिक्षक उपस्थित नहीं था। जबकि विद्यालय में दो शिक्षक क्रमश: कृष्ण कांत कुमार (विद्यालय प्रधान) एवं प्रोमिला कुमारी (सहायक शिक्षिका) कार्यरत हैं लगभग आधे घंटे इंतजार के बाद शिक्षक विद्यालय पहुंचे तथा हाजिरी लगाकर छुट्टी की घोषणा करके चलते बने। विद्यालय के शिक्षकों के लगातार इस रवैये से क्षुब्ध छात्र-छात्राओं का आक्रोश फूट पड़ा तथा विद्यालय प्रांगण में ही विद्यार्थियों ने शिक्षकों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पुर्व वार्ड सदस्य लक्ष्मण सिंह, ग्रामीण भिखारी सिंह, संतलाल सिंह, मुनेश्वर यादव, चैतु सिंह आदि ने बताया कि शिक्षको का यह रवैया अब आम बात हो गई है।
ग्रामीणों ने कहा कि एक बात तो तय है कि शिक्षकों की यह कर्तव्यहीनता इसी प्रकार चलती रही तो हमारे बच्चों का भविष्य एवं शिक्षा का अधिकार अधिनियम दोनो चौपट हो जाएंगे। ग्रामीणो ने बताया कि हमारा गांव देहात एवं दियारा क्षेत्र होने के कारण कोई पदाधिकारी भी इस विद्यालय का निरीक्षण करने नहीं आते। शिक्षक एवं पदाधिकारी आपसी मेल-जोल बैठाकर कागजी खानापूर्ति करते हैं, और सरकारी खर्च का बंदरबांट कर लेते हैं। उपरोक्त मामले को लेकर जब प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी निर्मला कुमारी से विचार जानने का प्रयास किया गया। उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार करते हुए अपना पल्ला झाड़ दिया। इधर बी.डी.ओ. डा. विमल कुमार ने बताया कि दियारा में विद्यालय बंद रहने की सुचना मिली है। सम्बंधित शिक्षकों पर विभाग द्वारा आवश्यक कार्यवाई की जाएगी।