श्रावण माह के अंतिम सोमवार की पूर्व संध्या पर गंगा घाट पर उमड़ा कांवरियों का जनसैलाब

बछवाड़ा/बेगूसराय(द स्टैलर न्यूज़)। सावन माह के अंतिम सोमवार की पुर्व संध्या पर लाखों कांवरियों एवं शिव भक्तों का जनसैलाब रविवार को नारेपुर झमटिया गंगा घाट पर देखने को मिला। युं तो सावन मास के प्रत्येक सोमवार पर रविवार से ही लाखों शिव भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है। मगर सावन के अंतिम सोमवार की पूर्व संध्या पर बछवाड़ा के लगभग पांच किलोमीटर की परिधि में सर्वाधिक विशेष भीड़ मीनी सुल्तानगंज का दृश्य उत्पन्न कर देता है। रविवार की सुबह से ही बछवाड़ा की सडकें कांवरियों से पटा रहा और चारों ओर बोलबम के जयघोष लगाते कांवरिया ही नजर आ रहे थे। शाम होते-होते बछवाड़ा की सडकों एवं झमटिया धाम गंगा घाट पर कांवरियों की बाढ़ सी आ गई थी और रविवार की सुबह से लेकर पूरी रात तक लाखों की संख्या में कांवरियों ने झमटिया धाम गंगा घाट पर स्नान कर जल लेकर पूजापाठ करते हुए विभिन्न शिवालयों में भगवान शिव पर जलार्पण करने के लिए गये। वहीं दूसरी तरफ कांवरियों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने भी अपने स्तर पर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम कर रखा था।

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भीड़ पर नजर रखने के लिए जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे और पुलिस कंट्रोल रूम बनाये गये थे। कांवरियों कि सुरक्षा के लिए तेघड़ा डीएसपी आशीष आंन्नद, एसडीओ डा. निशांत, डीसीएलआर अनिल कुमार आर्या, इंस्पेक्टर अरविंद कुमार, बीडीओ डा. विमल कुमार, सीओ सुरजकांत, थानाध्यक्ष परशुराम सिंह की अगुवाई में बछवाड़ा थाना के साथ-साथ मंसूरचक, तेघड़ा, भगवानपुर, बरौनी और फुलवरिया थाना की पुलिस सहित सैकड़ों की संख्या में बेगूसराय से पुलिस बल मंगवाए गए थे। वहीं स्थानीय ग्राम रक्षा दल के सदस्य एवं स्थानीय समाजसेवी तथा कई अलग-अलग संस्थाओं के कार्यकर्ता भी कांवरियों की सेवा और सुरक्षा के लिए तत्पर थे। कांवरियों की भीड़ के कारण दलसिंहसराय से लेकर बछवाड़ा प्रखंड के रानी-तीन पंचायत तक एनएच-28 पर वाहनों का आवागमन भी प्रभावित रहा और रफ्तार भी धीमी रही। वहीं बछवाड़ा झमटिया धाम से लेकर विभिन्न शिवालयों को जाने वाले हरेक सडक़ों पर कांवरियों को विभिन्न सुविधा मुहैया करवाने के लिए स्थानीय लोगों ने पंडाल भी बनाये थे जहाँ कांवरियों को मुफ्त पानी, दवा, जूस, फल एवं अन्य किसी भी प्रकार की वांछित मदद मिल रही थी। वहीं कांवरियों के मनोरंजन के लिए झमटिया धाम समेत प्रखंड क्षेत्र में कई अलग-अलग जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए थे।

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