चंडीगढ़। पंजाब विजीलैंस ब्यूरो द्वारा भ्रष्टाचार विरुद्ध शुरु की गई मुहिम दौरान पिछले महीने कुल 11 छापे मारकर 13 सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों काबू किया गया, जिनमें राजस्व विभाग के 2 कर्मचारी, पुलिस विभाग के 3 और दूसरे अलग -अलग विभागों के 8 कर्मचारियों सहित प्राईवेट व्यक्ति भी शामिल हैं।
इस संबंधी चीफ़ डायरैक्टर -कम -ए.डी.जी.पी विजीलैंस ब्यूरो पंजाब बी.के. उप्पल ने कहा कि ब्यूरो ने सार्वजनिक सेवाओं और दूसरे क्षेत्रों में भ्रष्टाचार को ख़त्म करने के लिए अपनी पूरी कोशिश की है। इस दिशा में विजीलैंस अधिकारियों ने यह संकल्प लिया है कि राज्य के विभिन्न अदालतों में संदिग्ध व्यक्ति को न्यायिक सज़ा दिलाने में हर संभव कोशिशें जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा कि फरवरी महीने दौरान ब्यूरो की तरफ से भ्रष्टाचार संबंधी मामलों के 12 चालान अलग -अलग विशेष अदालतों में पेश किये गए। इसी महीने सरकारी कर्मचारियों खि़लाफ़ भ्रष्टाचार के मामलों में ओैर गहराई के साथ जांच करने के लिए 6 विजीलैंस जांच भी दर्ज की गई। विजीलैंस की तरफ से पिछले महीन दौरान चल रही विजीलैंस जांच पर 2 मुकदमे दर्ज किये हैं के अलावा आय से अधिक जायदाद बनाने के मामलो में एक मुकदमा दर्ज किया गया है।
इस संबंधी अन्य विवरण देते हुये श्री उप्पल ने बताया कि इसी महीने दौरान 2 मुकदमों में बठिंडा की अदालत द्वारा 2 दोषियों को सज़ाएं और जुर्माने सुनाए गए जिनमें लाभ सिंह जूनियर इंजीनियर, पी.एस.पी.सी.एल बरेटा जि़ला मानसा को 1 साल की कैद सहित 10,000 रुपए के जुर्माने की सज़ा सुनाई गई और रजिन्दर कुमार लाईनमैन सब -डिविजऩ कमर्शिअल -2 को 4 साल की कैद सहित 10,000 हज़ार रुपए के जुर्माने की सज़ा सुनाई गई।