गुरु चरणों में समर्पण मानव का प्रथम कर्तव्य: आचार्य कृष्ण शास्त्री

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: पुष्पिंदर। श्री नंद अन्नपूर्णा मंदिर चैरिटेबल सोसायटी द्वारा खानपुरी गेट एकता नगर स्थित अन्नपूर्णा मंदिर में श्री रुद्र चण्डी महायज्ञ पांचवे दिन में प्रवेश कर गया। हरिद्वार से आचार्य राजिंदर प्रसाद ने पूजन अर्चन करवाकर यज्ञ शुरु करवाया। उन्होंने कहा कि तीर्थों की स्थापना का आधार यज्ञ ही है यहां प्रचूर मात्रा में बड़े-बड़े यज्ञ होते थे उसी स्थान को तीर्थ मान लिया जाता था। प्रयाग, काशी, रामेश्वरम, कुरुक्षेत्र नैमिषारण्य आदि सभी क्षेत्रों में तीर्थों का उद्धव यज्ञों से ही हुआ है।

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आज के यज्ञ के मुख्य यजमान नील कमल मोदगिल व नीना मोदगिल थे। ब्रह्मऋषि श्री नंद किशोर शास्त्री जी के आर्शीवाद से मंदिर प्रांगण में हो रही श्री मद्भागवत ज्ञान रस व दिव्य संगीतमयी कथा व्यास भागवत भूषण श्री अतुल कृष्ण शास्त्री जी (बरसाने वाले) ने श्रीमद् भागवत कथा का बखान करते कहा कि भागवत प्राप्ति हेतु मानव जीवन में सदगुरु कृपा का आश्रय परम आवश्यक है। सद्गुरु हमारे मार्ग दर्शक है जो अपने पवित्र आचरण, वाणी व उपदेश के द्वारा शिष्य के हृदय को भगवत् कृपा का अधिकारी बना देता है।

भागवत कथा के प्रसंग अनुसार श्री कपिल भगवान ने गुरु भाव से माता देवाहुती को आध्यात्म उपदेश देकर भगवत् प्राप्ति करवा दी। गुरु की कृपा उनके द्वारा प्राप्त मंत्र, नाम व वाणी का आश्रय लेने से प्राप्त होती है। मानव का परम कर्तव्य है कि मन-वचन व कर्म के द्वारा ही गुरु चरणों में स्वयं को समर्पित करें। इस दौरान उन्होंने भजनों सद्गुरु तुम्हारे प्यार ने जीना सिखा दिया है, तेरी चौखट पे दिन गुजारा करुं, श्री राधा-रमण पुकारा करूं भजनों से उपस्थिति को मंत्रमुग्ध कर दिया।

इस दौरान सोसायटी प्रधान रमेश चंद्र अग्रवाल, महासचिव तरसेम मोदगिल, कोषाध्यक्ष सुभाष अग्रवाल, जतिन गुप्ता, जगदीश हरजाई, संजीव सराय, अनिल गुप्ता, राघव गुप्ता, विवेक गुप्ता, तरसेम मोदगिल, रमेश अग्रवाल, सुभाष अग्रवाल, दविंदर वालिया, रमेश गंभीर, शुभम सिंगला, निखिल सिंगला, अशोक कुमार, संजीव अरोड़ा, राजिंदर मोदगिल, राम कृष्ण देव, विकास सिंगला, बृज बिहारी, शुभम, नील मोदगिल सहित गणमान्य शामिल थे।

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