निजी विद्यालय मनमानी कर उड़ा रहे कानून की धज्जियां, अभिभावक परेशान

इंदौरा (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: अजय शर्मा। इन्दौरा के निजी विद्यालयों में शिक्षा के नाम पर कानून की धज्जियां उड़ाना एक प्रचलन बन गया है क्योंकि इनको किसी भी प्रकार से कानून का कोई भय नहीं रह गया है। अभी कुछ दिन पहले भी खबर थी जिसमें निजी विद्यालयों की मनमानी का उल्लेख किया गया था जिसपर शिक्षा विभाग अधिकारी ने कहा था कि ऐसे निजी विद्यालए इन मामलों में लिप्त पाए जाने पर कार्रवाई होगी लेकिन फिर भी इन विद्यालयों पर कोई रोक नहीं लगाई गई और न ही इन विद्यालयों ने अरपने कदम पीछे लिए हैं।

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मानो ऐसा लगता है कि इन निजी विद्यालयों पर कानून की उल्लंघना व सरकार का कोई भय ही नहीं है। इन्दौरा के निजी विद्यालय इंदिरा मैमोरियल पब्लिक स्कूल, ऑबराय लॉटस पब्लिक स्कूल, विजय मैमोरियल स्कूल आदि स्कूलों के नाम सामने आएं हैं जिसपर अभिभावकों ने कहा कि उन्हें विद्यालय के अंदर से ही किताबें खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है व उन्हें इन खरीदी हुई किताबों का कोई पक्का या कच्चा बिल भी नहीं दिया जाता।

इस कड़ी के दौरान बच्चों के अभिभावकों ने इंदिरा मैमोरियल स्कूल पर आरोप लगाते हुए कहा कि स्कूल द्वारा उनसे एडवांस में ही किताबों की फीस ले ली परंतु उन्हें किताबें अभी तक नहीं दी गई, और पूछने पर कहा जाता है कि स्कूल शुरू होने पर तथा बच्चे के स्कूल पढऩे आने पर ही उन्हें किताबें दी जाएंगी। विजय मेमोरियल स्कूल, लॉट्स पब्लिक स्कूल संबंधी अभिभावकों ने कहा कि वे तो किताबें नहीं लेने गए परंतु स्कूल स्टॉफ द्वारा ही बच्चों को दी जा रही हैं तथा पैसे मांगे जा रहे हैं।

सवाल यह उठता है कि जब सरकार द्वारा स्कूलों में किताबें, वर्दीयां बेचने पर रोक है तो निजी स्कूल वाले यह सब किस तरह बेच सकते हैं। इस बात से तो एक ही अनुमान लगाया जा सकता है कि यह निजी स्कूलों वाले सरकार द्वारा बनाए हुए कानूनों की उल्लंघना कर रहे हैं। ऐसा ही देखने को मिला है बसन्तपुर के सनराइज स्कूल में यू.के.जी क्लास के लिए एडमिशन फॉर्म के 1070 रुपए लिए जा रहे हैं जोकि एक प्रकार की लूट है। शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत शर्मा ने कहा कि उनके द्वारा जिले में विभिन्न टीमें बनाई गई हैं जोकि इस संबंधी जांच कर रही है और अगर कोई विद्यालय इसमें लिप्त पाया जाता है तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि विद्यालय से किताबें बेचने के लिए लाइसेंस लिया जाता है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं है तो विभाग द्वारा एन.ओ.सी भी रदद् की जाएगी तथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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