चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब राज्य सहकारी कृषि विकास बैंक (पी.ए.डी.बी.) द्वारा डिफालटर किसानों से वसूली के लिए ज़मीन बेचने के मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल द्वारा किये जा रहे भ्रामक प्रचार पर बोलते हुए सहकारिता मंत्री स.सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा किसी भी किसान की ज़मीन की कुर्की नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि मीडिया के एक हिस्से में प्रकाशित ख़बर का बैंक द्वारा पहले ही खंडन किया जा चुका है और अब विरोधी पार्टियां राजसी रोटियां सेकने के लिए इस मुद्दे का राजनैतिकरण किया जा रहा है।
आज यहां जारी एक प्रैस बयान में रंधावा ने कहा कि बैंक द्वारा डिफालटर किसानों के खि़लाफ़ कानूनी कार्यवाही आरम्भ करना एक सामान्य प्रक्रिया होती है और बैंक द्वारा डिफालटर किसानों से वसूली के लिए नोटिस जारी करने का मतलब यह नहीं है कि बैंक किसानों की ज़मीन कुर्क करने लगा है।उन्होंने बताया कि पिछली सरकार जो अपने आप को किसान हितैषी होने का दावा करती थी, के दौरान भी डिफालटर किसानों से वसूली के लिए सेल केस बना कर कानूनी कार्यवाही आरम्भ की जाती थी। सहकारिता मंत्री ने विवरण जारी करते हुए बताया कि पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान 31 जनवरी 2016 तक 30,794 डिफालटर किसानों का सेल केस बनाकर कार्यवाही आरम्भ की गई थी और पंजाब की सभी 89 पी.ए.डी.बी. के 41,745 डिफालटर किसानों के खि़लाफ़ गिरफ़्तारी वारंटी जारी करवाने के लिए कानूनी हल आरम्भ किया गया था।
उन्होंने आगे बताया कि पिछले 40 सालों के दौरान पी.ए.डी.बी. द्वारा 23 डिफालटर किसानों की ज़मीन नीलाम करके बैंक द्वारा खऱीदी गई जो इस समय पर बैंकों के नाम बोलती है। इनमें से 20 मामलों में ज़मीन की नीलामी शिरोमणि अकाली दल की सरकार के दौरान हुई जिस कारण आज विरोधी पार्टी को इस मामले पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि मार्च 2017 से अब तक एक भी किसान की ज़मीन नीलाम नहीं की गई।
– किसानों के कल्याण के लिए बने सहकारी और कृषि विकास बैंक को पैरों पर खड़ा करना सरकार की प्राथमिकता
रंधावा ने कहा कि सहकारी और कृषि विकास बैंक किसानी की रीढ़ की हड्डी है और इनको मज़बूत करना पंजाब सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि बैंक द्वारा बड़े और समर्थवान किसानों से वसूली के लिए कानूनी प्रक्रिया भी आरम्भ की जायेगी क्योंकि यह वह किसान हैं जोकि कर्जा मोडऩे का सामथ्र्य तो रखते होते हैं परंतु जानबूझ कर कजऱ्े की किश्तें नहीं मोड़ते। उन्होंने कहा कि पहली फरवरी 2018 को बैंक का 1363.87 करोड़ रुपए का कजऱ् 71,432 किसानों की तरफ बाकाया खड़ा है। इनमें से बैंक ने 30 जून 2018 तक 16,469 किसानों से 194.74 करोड़ की रिकवरी हासिल कर ली और एक भी किसान की ज़मीन नहीं बेची।