मिठू, मान और खैहरा के विरुद्ध झूठे केस दर्ज हुए, आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की सिफारिश

चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी के शासन के दौरान सुखविंदर सिंह मिठू, सिमरनजीत सिंह मान और सुखपाल सिंह खैहरा के विरुद्ध दर्ज किये मामलों को जस्टिस (सेवा निवृत ) महिताब सिंह गिल कमिश्न ने अपनी रिपोर्ट में झूठा बतलाया है और यह केस दर्ज करने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की सिफारिश की है। इसके साथ ही कमिशन ने एफ.आई.आरज़ भी रद्द करने की सिफारिश की है।

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इस संबंधी सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को आज कमिश्न के चेयरमैन जस्टिस गिल की तरफ से पेश की 6वीं अंतरिम रिपोर्ट में 240 मामलों में से 47 मामलों में कार्यवाही करने की सिफारश की है जबकि 193 केस विभिन्न कारणों से रद्द कर दिए गए हैं।

जस्टिस गिल द्वारा मुख्यमंत्री को अपनी 6वीं अंतरिम रिपोर्ट पेश, 240 मामलों में से 47 में कार्यवाही की सिफारिश

रिपोर्ट में कहा गया है कि सुखविंदर सिंह मिठू, सिमरनजीत सिंह मान और सुखपाल सिंह खैहरा के विरुद्ध राजनैतिक कारणों से झूठे मामले दर्ज किये गए। इन सभी मामलों में कमिश्न ने दोषी पुलिस कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की सिफारिश की है। कमिश्न ने स. मान के विरुद्ध देशद्रोह केस सहित श्री खैहरा और उनके समर्थकों के विरुद्ध 17 एफ.आई.आरज़ भी रद्द करने की सिफारश की है। जस्टिस गिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जगरावां के गांव कोंके पंचायत मैंबर सुखविंदर सिंह मि_ू को 8 झूठे मामलों में फंसाया गया था। उसने कैनेडा की निवासी अपनी पत्नी के कत्ल के संबंध में पत्नी के रिशतेदारों के विरुद्ध शिकायत की थी जिसके बाद उसे इन मामलों में फंसाया गया। उसकी पत्नी की मां, मामे और कुछ पुलिस कर्मचारियों को कत्ल के केस में दोषी ठहराया गया जबकि मि_ू के विरुद्ध दर्ज हुए सभी 8 मामलों में से बरी कर दिया गया। कमिशन ने यह बात सामने लाई है कि मिं_ू को झूठे केस में फंसाने और उसकी तरफ से अपनी पत्नी के रिशतेदारों के विरुद्ध की गई शिकायत को वापस करवाने की कोशिश करने के लिए 182 पुलिस अधिकारी दोषी हैं। कमिशन ने इन सभी पुलिस आधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की सिफारिश की है।

सिमरनजीत सिंह मान के विरुद्ध केस के संबंध में कमिश्न इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि 10 नवंबर, 2015 को फरीदकोट के गांव बरगाड़ी में श्री गुरु ग्रंथ साहब जी की बेअदबी के विरुद्ध किये गए सरबत खालसा के दौरान न ही उन्होंने कोई भाषण दिया न ही कोई शब्द बोला। अकालियों और बीबी जगीर कौर की तरफ से उनको देश द्रोह के इस मामलो में झूठा फंसाया गया।

कमिश्न ने यह बात सामने लाई है कि अकाली सरकार द्वारा 2007-08 के दौरान खैहरा और उसके हिमायतियों के विरुद्ध 17 झूठे केस दर्ज करवाए गए। कमिश्न ने ट्रायल कोर्ट में मामलों को रद्द करने की सिफारश की है। जस्टिस गिल ने कहा है कि पुलिस ने भी ट्रायल कोर्ट में यह केस रद्द करने की अजऱ्ी दायर की है।

कमिश्न ने प्राप्त हुई 4349 शिकायतें में से 895 संबंधी फ़ैसला किया है। विभिन्न जिलों के लिए गृह विभाग, पंजाब की तरफ से जि़ला मैजिस्ट्रेट और जि़ला अटार्नी नोडल अफ़सर नियुक्त किये गए थे। इन नोडल अफसरों ने अपनी कार्यवाही रिपोर्ट और विभिन्न शिकायतों की स्थिति कमिश्न को भेजी है। जस्टिस गिल के अनुसार जिन्होंने अपनी कार्यवाही रिपोर्ट कमिश्न को भेजी है। उनमें डी.ए. /डी.एम. बठिंडा, डी.एम. फरीदकोट, डी.एम. होश्यिारपुर, डी.एम. जालंधर, डी.एम. लुधियाना, डी.एम. मोगा, डी.एम. पटियाला, डी.एम. संगरूर, डी.एम. एस.ए.एस नगर और डी.एम. तरन तारन शामिल हैं।

फिरोजपुर, गुरदासपुर और कपूरथला जिलों के नोडल अफसरों से कोई भी प्रगति रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई। उनको अलग तौर पर मामलों की रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है जिससे संबंंधित पक्षों को न्याय मुहैया करवाया जा सके।

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