मिलीभगत का खेल, इंदौरा में खैर माफिया का आतंक

इंदौरा (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: अजय शर्मा। इन्दौरा क्षेत्र का एक ऐसा कांड जिसमें लोगों का भविष्य खराब होने का डर है,जिसमे वन काटूयों ने हजारों ही पेड़ों पर कुल्हाड़ी चला कर जंगलों को तबाह करने का पूरा प्रयास किया और हजारों ही खैर के पेड़ काट लिए। जिनमें वन विभाग की जमीन से भी हजारों पेड़ काट लिये गए, लेकिन कोई उचित कार्यवाही उन पर अभी तक नहीं हुई या कहीं न कहीं यह लगता है कि वन विभाग की मिलीभगत से यह सब हुआ है। क्योंकि इतनी तादाद में पेड़ों का कटना काफी चिंता का विषय है।
अब नया कांड और सामने आ रहा है। जिसमें टप्पा, बेलपुर, सहोडा, कपतियाल और इन्दौरा ब्लॉक के बहुत गांवों में खैर का कटान हुआ है वो भी वन विभाग की जमीन पर और तो और वन काटू जहां से पेड़ काटते हैं। वहाँ से उसे जड़ से निकाल देते हैं, ताकि उसका कोई भी नामों निशान सामने न आए।

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इस प्रकार के कटान से तो लगता है कि वन विभाग के कुछ कर्मचारियों की इसमें मिली भगत है जो कि उन वन काटूयों की मदद कर रही है। क्योंकि जब यह सब होता है उस समय यह कर्मचारी क्या कर रहें होते हैं क्या उनको मालूम नहीं की यह सब हो रहा है। यहां सरकार ग्लोबल वार्मिंग के लिए काफी चिंता में है वहीं ऐसे वन कटान से तो खतरा और बढ़ रहा है। लोगों को भविष्य में सांस लेने की तकलीफ हो सकती है,लेकिन कुछ लोगों की वजह से भगवान की इस सुंदर कायनात को नुकसान पहुंचाया जा रहा है जो कि आने वाले सालों में हमारी नई पीढ़ी के लिए बीमारियों का घर वन जाएगी। इस लिए विभाग और सरकार को इस के बारे में सोचना चाहिए ।

जब वन विभाग के अधिकारी से इसके बारे में पूछते हैं तो वो इस पर कोई संतोषजनक ब्यान न देकर इस बात को टालते हैं। कि हम इस कि छानबीन कर रहें है या कहते हैं आपको शाम तक बताते हैं। जिसके उपरांत उक्त वन काटूयों को इसकी खबर दी जाती है कि आप अपना इंतज़ाम कर लीजिए क्योंकि इस व्यक्ति ने आप के बारे में पूछा था और आप इस व्यक्ति से सुलह कर लो उसके उपरांत यह वन काटू उक्त व्यक्ति के पास जाकर उसपर दवाब बनाते हैं। ऐसा ही वाक्य इन्दौरा में हुआ जब पत्रकार ने किसी वन अधिकारी से फ़ोन कर उक्त मामले की पुष्टि के लिए पूछा तो कुछ समय पश्चात किसी ठेकेदार का फोन पत्रकार को आ गया कि आप से मिलना चाहते हैं और बातों ही बातों में जब उस पत्रकार ने उनकी बात को न माना तो उन्होंने अपने शब्दों में एक प्रकार की धमकी उनको दे दी।

जिसके सिलसिले में उक्त पत्रकार ने वन विभाग के अधिकारी को भी बताया कि मैंने आप से बात की ओर आप ने उक्त वन काटूयों को मेरे बारे में क्यों बताया इस बात से साफ साफ नजर आ रहा है कि यह सब एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं और कहीं न कहीं वन विभाग इनकी मदद कर रहा है अगर आज इन ठेकेदारों और वन विभाग के ऐसे कर्मचारियों पर लगाम न लगाई तो आने वाले दिनों में कांगड़ा का यह इलाका एक बंजर भूमि या एक मरुस्थल की तरह बन जाएगा जो कि आने वाली नयी पीढ़ी के लिए काफी नुकसानदेह होगा।

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