होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। जिस प्रकार नेत्रदान एक आंदोलन का रुप धारण कर चुका है उसी तरह मरणोपरांत देह दान को लेकर भी लोग जागरुक हो रहे हैं, क्योंकि देह दान देने से मैडीकल साईंस में नई खोज और तकनीक विकसित करने में सहयोग मिलता है। इसके अलावा मानव शरीर से संबंधित बीमारियों को दूर करने एवं उसे जड़ से खत्म करने के लिए दवाओं के निर्माण में भी यह काफी लाभदायक सिद्ध हो रहा है।
उक्त विचार भारत विकास परिषद की प्रेरणा से देहदान करने का संकल्प लेने वाली प्रोमिला सूद पत्नी विष्णू दिगम्बर सूद निवासी ईश नगर, माल रोड को सम्मानित करते हुए परिषद प्रधान प्रमुख समाज सेवक संजीव अरोड़ा ने व्यक्त किए। श्री अरोड़ा ने कहा कि प्रोमिला सूद द्वारा जहां अपना आशीर्वाद प्रदान करके परिषद को मानव सेवा के पथ पर और भी मील पत्थर स्थापित करने की बात कही गई है वहीं उन्होंने दुनिया से जाने के बाद भी मानव सेवा करते रहने का संदेश दिया है। जोकि नर सेवा नारायण सेवा पंक्तियों को चरितार्थ करता है।
इस अवसर पर जिला सचिव राजिंदर मोदगिल ने कहा कि इससे पहले भी कई लोग अपनी देहदान करने का संकल्प ले चुके हैं तथा मृत्यु उपरांत मैडीकल कालेज की टीम बहुत ही शिष्टाचार और अनुशासन के साथ देह प्राप्त करती है। रिसर्च के बाद देह का पूर्ण विधि के साथ संस्कार भी किया जाता है।
परिषद को आशीर्वाद प्रदान करते हुए माता प्रोमिला सूद ने कहा कि नेत्रदान करने से दो जिंदगियां रोशन होती हैं और शरीरदान देने से मैडीकल साईंस में तरक्की के आयाम खुलते हैं। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को जिंदगी में यह दो दान अपने जीते-जी करने चाहिए ताकि मरणोपरांत भी वह मानव सेवा के काम आ सके। उन्होंने परिषद पर परमात्मा की कृपा सदैव बनी रहने की अरदास भी की। इस अवसर पर लोकेश खन्ना, वरिंदर चोपड़ा, श्याम नरुला, एच.के. नकड़ा, रविंदर भाटिया, विपन शर्मा व अन्य मौजूद थे।