होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। माता चिंतपूर्णी के मेले के मद्देनजर यहां से गुजरने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए जहां जिला प्रशासन द्वारा ऊना प्रशासन के साथ मिलकर कई व्यवस्थाओं को अंजाम दिया जा रहा है वहीं यात्रियों के लिए लंगर लगाने वाली संस्थाओं द्वारा भी बड़ी संख्या में लंगर लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही जिला प्रशासन के साथ-साथ खुद लंगर लगाने वाली संस्थाओं और शहर व आसपास की सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं द्वारा लंगर लगाने वाले स्थान पर सफाई व्यवस्था का ध्यान रखने एवं लंगर लगाने उपरांत लंगर वाले स्थान की सफाई करवाकर जाने की अपील की गई थी एवं की भी जा रही है ताकि श्रद्धा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को भी पुख्ता बनाया जा सके।
सफाई संबंधी पूछे गए सवाल का जवाब देने की बजाए लंगर लगाकर वापस जा रहे लोगों ने मामले को दे दिया कोई और ही रंग
परन्तु बावजूद इसके कई लोग ऐसे हैं जो पढ़ेलिखे होने के बावजूद सहयोग करना जरुरी नहीं समझते। ऐसा ही एक वाक्य आज 12 अगस्त को उस समय पेश आया जब चौहाल की पहली चढ़ाई पर ही फगवाड़ा की तरफ से आए कुछ लोगों द्वारा लंगर लगाया गया था और लंगर लगाने उपरांत वे गंदगी को साफ किए बिना ही वहां से जाने लगे तो इसी बीच वहां पहुंचे मीडिया कर्मियों ने जब उनसे पूछा कि यहां की सफाई क्यों नहीं करवाई गई तो वे ऐसे भडक़े जैसे उनकी भैंस खोल ली हो। सफाई से जुड़े सवाल देने की बजाए उन्होंने मीडिया कर्मियों से उलझना शुरु कर दिया और बात को घुमाते हुए शोर मचा डाला कि उन्हें लंगर लगाने से रोका जा रहा है। इसी दौरान वहां पर पहुंचे जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष हरीश आनंद ने उक्त लोगों से जब सफाई करवाने संबंधी अपील की तो वे उनके साथ भी उलझ पड़े और उन्हें भी भला-बुरा कहने से परहेज नहीं किया।
खुद को एक प्रतिष्ठित समाचारपत्र का रिपोर्टर कहने वाले ने भी जरुरी नहीं समझा पर्यावरण संरक्षण, दिखाता रहा अकड़
लंगर लगाकर गंदगी को यूं ही छोडक़र जाने वालों ने अपनी तरफ से मामले को तूल देने की पूरी कोशिश की, मगर जब वहां पर जमा हुए लोगों ने उन्हें गंदगी की सफाई करवाकर जाने की बात कही और हरीश आनंद द्वारा पुलिस को सूचना देने की बात कही तो उनकी हवा टाइट होने लगी और उन्होंने वहां से खिसकने में ही भलाई समझी। इस दौरान लोगों का कहना था कि बाहर से यहां आकर लंगर लगाने वाली सस्थाओं एवं लोगों का वे स्वागत करते हैं, मगर गंदगी डालकर जाना किसी भी सूरत में तर्कसंगत नहीं है। इसलिए ऐसे लोग जहां हजारों-लाखों रुपये लंगर पर खर्च कर सकते हैं तो उन्हें थोड़े पैसे सफाई पर भी खर्च करने चाहिए, लोकल प्रशासन एवं संस्थाओं के सहारे नहीं रहना चाहिए। उन्हें भी पर्यावरण के प्रति अपनी ड्यूटी का निर्वाह करना चाहिए। प्रशासन को चाहिए कि वे ऐसे लोगों पर नकेल कसने हेतु सख्त से सख्त कदम उठाए तथा इस कदम में शहर की समस्त संस्थाएं एवं लोग उनके साथ हैं।
मौके पर पहुंचे जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष हरीश आनंद द्वारा पुलिस को बुलाये जाने का पता चलने पर मामला बिगड़ता देख भाग खड़े हुए प्रबंधक
खुद ही शोर मचा रहे थे और वीडियो भी बना रहे थे?
जब यह सारा मामला चल रहा था तो लंगर लगाने वाले लोगों के साथ आए कुछ लोग अपना मोबाइल निकालकर वीडियो बनाने लगे कि उन्हें लंगर लगाने से रोका जा रहा है और मीडिया कर्मी उन्हें कह रहे हैं कि माता चिंतपूर्णी के मेले में आपने लंगर क्यों लगाया, जबकि ऐसी कोई बात ही नहीं थी। यह बात आपको इसलिए बताई जा रही है ताकि अगर ऐसी कोई वीडिया आपके ध्यान में आए तो उस पर अपनी टिप्पणी करने से पहले संस्था द्वारा पर्यावरण को पहुंचाए गए नुकसान और गैरजिम्मेदाराना रवैये के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें।
इस संबंधी बात करने पर सनातन धर्म महावीर दल के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण गोपाल आनंद का कहना है कि चौहाल पर जो लोग लंगर लगाने आए थे और बिना सफाई किए वे गए हैं उनकी कुछेक गाडिय़ों के नंबर उन्हें मिले हैं तथा वे डी.टी.ओ. और एस.पी. हैडक्वार्टर से मिलेंगे और ऐसे लोगों पर कार्रवाई करवाई जाएगी। इसके अलावा उनके द्वारा अगर किसी भी तरह की वीडियो वायरल की जाती है, जिससे माहौल गर्मा सकता है तो उसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मेले को सुचारु चलाने के लिए 21 सदस्यीय कमेटी जो बनाई गई है वे इस मामले को प्रशासन के समक्ष उठाएगी और पूरी कमेटी एवं शहर की संस्थाएं मीडिया के साथ हैं, क्योंकि मेले दौरान जो भी कमियां होंगी उन्हें उजागर करना मीडिया का काम है और मीडिया के साथ किसी को भी बदसलूकी करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।