चंडीगढ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने डेयरी किसानों की बकाया अदायगी के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए वित्त विभाग को हिदायत की कि मिल्कफैड को तुरंत 90 करोड़ रुपए की अल्पकालिक अग्रिम राशि मुहैया करवाई जाए। मुख्यमंत्री ने राज्यभर में दूध की एकसमान कीमतों को यकीनी बनाने के लिए उपाय तलाशने के लिए मिल्कफैड को व्यापक नीति तैयार करने के आदेश दिए। मुख्यमंत्री के सरकारी निवास पर प्रोग्रेसिव डेयरी फार्मरज़ एसोसिएशन (पी.डी.एफ.ए.) के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई मीटिंग के दौरान यह हिदायतें जारी की गई। मुख्यमंत्री ने इस मंतव्य के लिए चार सदस्यीय कमेटी भी गठित की। मिल्कफैड के एम.डी. मनजीत सिंह बराड़ इस कमेटी के प्रमुख होंगे जबकि डेयरी विकास के डायरैक्टर इन्द्रजीत सिंह, पशुपालन के सचिव कैप्टन करनैल सिंह और पी.डी.एफ.ए. के प्रधान इसके मैंबर होंगे।
कमेटी की तरफ से दूध की एकसार कीमतों के अमल के लिए समयबद्ध कार्य योजना बनायी जायेगी जिससे विभिन्न जिलों में दूध की कीमतों के फर्क को दूर किया जा सके। इससे पहले मिल्कफैड के एम.डी. ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि दूध के व्यवसाय के साथ जुड़ी प्राईवेट कंपनियों द्वारा प्रोसेस करने की क्षमता की अपेक्षा कम दूध खरीदने के कारण दूध की कीमतें नीचे आती हैं। उन्होंने बताया कि मिल्कफैड की तरफ से डेयरी किसानों से कुल 20 प्रतिशत दूध खरीदा जाता है जबकि बाकी 80 प्रतिशत दूध प्राईवेट कंपनियों द्वारा खरीदा जाता है। इन कंपनियों की असफलता के कारण मिल्कफैड को लाभप्रद कीमतों पर रोज़मर्रा और पाँच लाख लीटर दूध खरीदने का कोटा बढ़ाना पड़ता है जिससे डेयरी किसानों की मदद की जा सके।
दूध और दूध से निर्मित वस्तुओं में मिलावटखोरी की रिपोर्टों पर चिंता ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने ऐसे कामों को अंजाम देने वाले लोगों के खि़लाफ़ कठोर कार्यवाही करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया जो भोले-भाले लोगों की जि़ंदगी के साथ खिलवाड़ करते हैं। प्रतिनिधिमंडल की एक माँग का समर्थन करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अपने प्रमुख सचिव को कम से -कम तीन और फूड टेस्टिंग लैबोरटियां स्थापित करने के लिए कहा जिससे खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने की प्रक्रिया को और ज्यादा प्रभावशाली बनाया जा सके। मुख्यमंत्री ने वित्त कमिशनर सहकारिता को सहकारी दूध यूनियनों को और मज़बूत करने के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए कहा जिससे राज्य में दूध की पैदावार बढ़ाने और मिल्कफैड के प्लांटों पर इसकी प्रोसेसिंग की जा सके।
कृषि में विविधता लाने के लिए डेयरी सैक्टर की महत्ता को दर्शाते हुए मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को कहा कि किसानों को दूध का पेशा अपनाने के लिए अधिक से अधिक प्रेरित किया जाये। मुख्यमंत्री ने मिल्कफैड के एम.डी. को कहा कि वेरका के उत्पाद जैसे मक्खन, घी, लस्सी, पनीर, सुखा दूध दूसरे राज्यों ख़ासकर दिल्ली और एन.सी.आर. रीजन में बेचने के लिए मार्केटिंग की क्षमता बढाई जाये। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एम.डी. को प्राईवेट कंपनियों के साथ मुकाबला करने के लिए मंडीकरण की ठोस रणनीति बनाने के लिए भी कहा।
पी.डी.एफ.ए. के प्रधान ने डेयरी सैक्टर को प्रोत्साहन देने के लिए उठाए गएकदमों की सराहना की जिसको अकाली -भाजपा गठजोड के एक दशक के लंबे शासनकाल के दौरान संकट का सामना करना पड़ा।बैठक में सहकारिता मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा, डेयरी विकास मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, वित्त कमिशनर सहकारिता डी.पी. रैडी और वित्त कमिशनर विकास विसवाजीत खन्ना भी उपस्थित थे।