सतगुरु की शिक्षाओं को जीवन में अपनाना ही असल में सतगुरु का सत्कार : महात्मा प्रदीप

होशियारपुर/गढ़दीवाला (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। सतगुरु की शिक्षाओं को जीवन में अपनाना ही असल में सतगुरु का सत्कार है। उक्त विचार संत निरंकारी सत्संग भवन गढ़दीवाला में इंचार्ज महात्मा अवतार सिंह के नेतृत्व में आयोजित संत समागम के दौरान जोनल टूर के दौरान महात्मा प्रदीप सोखी ने प्रकट किए। इस अवसर पर उनके साथ बहन शरणजीत कौर तलवाड़ा उनके साथ थे। उन्होंने कहा कि संत महात्मा परउपकारी होती है, जो हमेशा ही परउपकार की भावना से जीवन व्यतीत करते है। गुरसिख के जीवन में चाहे दुख हो चाहे सुख हो उसका विश्वास निरंकार प्रभु पर अटूट रहता है, वह डोलता नहीं। समय रहते अपने जीवन के असली उद्देश्य इस परमात्मा जानकारी करके जीवन के उद्देश्य को पूरा कर लेना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि सतगुरु हमेशा ही मर्यादा में रहता है और गुरसिख को भी मर्यादा में रहकर जीवन व्यतीत करने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि जो गुरसिख सेवा, सिमरन व सत्संग करता है उसके जीवन में कभी अहंकार व अन्य बुराइयां जीवन में नहीं आती। उन्होंने कहा कि निरंकारी मिशन भक्ति का मिशन है। जहां पर इस परमात्मा की जानकारी करवा कर इस निरंकार प्रभु को देखकर भक्ति करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

इस दौरान कवि दरबार भी करवाया गया, जिसमें महात्मा हरबंस सिंह जस्सल, निरंजन सिंह अल्लड़ पिंड व इन्द्रजीत कौर ने कविताएं पेश की। अंत में ब्रांच के इंचार्ज महात्मा अवतार सिंह ने आए हुए महात्मा प्रदीप सोखी का दुपट्टा पहना कर धन्यवाद किया। इस अवसर पर महात्मा कर्म सिंह, गुरमीत सिंह, मलकीयत सिंह रूपोवाल, संचालक सुरजीत सिंह, जसपाल सिंह, सुखवंत कौर आदि ने अपने विचारों से संगतों को सतगुरु के आदेशों को मानने के लिए प्रेरित किया।

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