सरकारी कालेज में हंगामा: बाक्सिंग छात्राओं के पक्ष में उतरे लोग, प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की मांग

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: मुक्ता वालिया/जतिंदर प्रिंस। सरकारी कालेज होशियारपुर में आज 23 जनवरी को उस समय हंगामा हो गया, जब इंटर कालेज बाक्सिंग प्रतियोगिता खेलने गई लड़कियां बैरंग लौटी और उन्होंने कालेज प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए रोष व्यक्त करना शुरु कर दिया। इस दौरान जहां खिलाडिय़ों के अभिभावक उनके साथ थे वहीं अलग-अलग स्टूडेंट यूनियनों ने भी खिलाडिय़ों का साथ देते हुए कालेज प्रिंसिपल और कालेज प्रशासन के खिलाफ जमकर रोष प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। इस दौरान खिलाडिय़ों ने बताया कि वे 22 जनवरी को चंडीगढ़ में आयोजित होने वाली इंटर कालेज प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए गईं थी। वहां जाकर उन्हें पता चला कि उनकी ऑनलाइन एंट्री न होने के चलते वे प्रतियोगिता में भाग नहीं ले पाएंगी।

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इसकी जानकारी कालेज प्रबंधन को दिए जाने के बावजूद किसी ने कुछ नहीं किया और उन्हें बिना खेले ही लौटना पड़ा। इतना ही नहीं जब उन्होंने इस संबंधी रोष व्यक्त किया तो आगे से उन्हें कहा जाने लगा कि तुम्हें जो करना है कर लो। खिलाडिय़ों ने बताया कि अपनी लापरवाही को छुपाने के लिए कालेज प्रबंधन अब उन्हें तंग परेशान कर रहा है तथा उन्हें डर है कि भविष्य में उन्हें टारगेट न किया जाए। बता दें कि इंटर कालेज प्रतियोगिता में होशियारपुर के सरकारी कालेज से बाक्सिंग खिलाड़ी मेहक चौहान, डिंपल, खूशबू, रितिका ठाकुर, राधिका, मनु बध्धन, मंदीप कौर चंडीगढ़ गईं थी, मगर कालेज द्वारा ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन न किए जाने से वह प्रतियोगिता में खेलने से रह गईं और उन्हें मायूस होकर मंगलवार को वापिस लौटना पड़ा था।

खिलाडिय़ों के साथ हुए अन्याय को लेकर जब उनके अभिभावक संगठनों के सहयोग से रोष व्यक्त करने व इस संबंधी प्रिंसिपल से बात करने पहुंचे तो कोई भी उन्हें संतुष्ट जवाब हीं दे पाया। बताया जा रहा है कि पहले तो प्रिंसिपल डा. परमजीत सिंह कालेज में ही थे, मगर हंगामे के बाद बताया जाने लगा कि वे तलवाड़ा चले गए हैं। परन्तु कयास लगाए जा रहे हैं कि कालेज प्रबंधन एवं प्रिंसिपल अपनी लापरवाही छिपाने के लिए खिलाडिय़ों के अभिभावकों एवं मीडिया के सामने आने से कतराते रहे। इस बात को हम यहां आपको बताने चाहेंगे कि कालेज प्रबंधन ने किसी भी जिम्मेदार प्रोफैसर को खिलाडिय़ों के साथ नहीं भेजा था।

लड़कियां अकेले ही चंडीगढ़ भेज दी गईं थी। जबकि कालेज प्रिंसिपल का फर्ज बनता था कि वे लड़कियों के साथ किसी जिम्मेदार व्यक्ति को कालेज प्रतिनिधि के तौर पर भेजते। परन्तु प्रिंसिपल ने ऐसा नहीं किया। बताया जा रहा है कि कालेज में खेल विभाग से जुड़ा कोई भी प्रोफैसर नहीं है। परन्तु सवाल यह है कि ऐसे में किसी अन्य प्रोफैसर की ड्यूटी क्यों नहीं लगाई गई। भले ही बच्चे बड़े हो चुके हैं, पर फिर भी उनके साथ किसी को क्यों नहीं भेजा गया। ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब देने से बचने के लिए कालेज के प्रिंसिपल सामने ही नहीं आए। जिससे साफ हो जाता है कि कहीं न कहीं कालेज प्रबंधकों से लापरवाही जरुर हुई है।

जिस पर पर्दा डालने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस दौरान खिलाडिय़ों के पक्ष में पंहुचे जिला बसपा के होशियारपुर प्रधान परशोतम राज अहीर, बसपा विद्यार्थी विंग के कनवीनर हरदीप हरी, जोन इंचार्ज ठेकेदार भगवान दास, एडवोकेट पलविंदर लाडी, बी.वी.एफ. जगमोहन सिंह सज्जना आदि ने बच्चों का समर्थन करते हुए प्रशासन से कालेज प्रबंधनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस दौरान कालेज में जब बच्चों द्वारा कालेज बंद करने की चेतावनी दी गई तो मौका पाते ही कालेज प्रबंधकों द्वारा कालेज में छुट्टी की घोषणा कर दी गई। तब बच्चों द्वारा कालेज का गेट बंद कर कालेज प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। इस दौरान मौके पर पंहुचे तहसीलदार ने कार्रवाई का आश्वासन देते हुए बच्चों, अभिभावकों व लोगों को शांत किया।

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