सेठ श्याम नरुला बने प्रेरणास्रोत: संजय ने सहयोगियों की मदद से मालिक तक पहुंचाया खोया पर्स

होशियारपुुर (द स्टैलर न्यूज़)। बजवाड़ा निवासी संजीव कुमार (संजय) जोकि पीर मद्दी शाह बाजार में संजय बैलेट हाऊस नाम की दुकान करते हैं, घर से दुकान की तरफ आ रहे थे तो उन्हें रास्ते में पड़ा हुआ एक पर्स मिला। उन्होंने बाजार में पहुंचते ही इस संबंधी मार्किट के प्रधान एवं प्रसिद्ध समाज सेठ सेवक श्याम नरुला को इसकी जानकारी दी। श्याम नरुला ने पर्स खोलकर देखा तो उसमें विदेशी करंसी (भारतीय करंसी के हिसाब से करीब ढाई-तीन लाख रुपये), विदेशी आई.डी, ए.टी.एम. कार्ड तथा कुछ जरुरी कागजात थे। लेकिन पर्स मालिक के पते से संबंधित कोई दसतावेज नहीं था। श्याम नरूला ने उसकी जर्मनी की आई.डी सर्च करके देखा तो उसका प्लेस जन्म स्थान बजवाड़ा निकला, लेकिन और कोई भी जानकारी नहीं थी।

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जिस पर उन्होंने उसके आई.डी. परूफ की फोटो कापी कुलदीप अरोड़ा जोकि बजवाड़ा में रहते हैं व सुषमा रानी पत्नी हरीश चंद्र बाजवाड़ा रोड अरोड़ा कालोनी को भेजी।

सभी के प्रयासों से सुषमा रानी ने कड़ी मेहनत के साथ हरभजन नाम के व्यक्ति को ढूंढ लिया, जिनका पर्स गुम हुआ था। उन्होंने व्यक्ति संबंधी जानकारी श्याम नरुला को दी और व्यक्ति से पर्स संबंधी जानकारी हासिल करके उन्हें सौंपने हेतु उन्हें बुलाया। श्याम नरुला ने पर्स मालिक को संजय, सचिन कोचर शालू, सुषमा रानी एवं हरीश चंद्र के सामने भेंट किया। पर्स मिलने की खुशी हरभजन के मुख पर साफ झलक रही थी। उन्होंने बताया कि पर्स गुम होने के कारण वे काफी परेशान था तथा वे श्याम नरुला, संजीव कुमार (संजय) व सुषमा रानी के सदैव आभारी रहेंगे।

गौरतलब है कि पहले भी श्याम नरूला को करीब साढे 6 लाख रुपए मिले थे तथा उन्होंने दिन-रात एक करके रुपयों के मालिक को खोज निकाला था और उन्हें पैसे लौटाकर सच्चाई और ईमानदारी की राह पर चलने की प्रेरणा की थी। श्याम नरूला का कहना है कि उन्हें ऐसा कार्य कर दिल से बहुत खुशी होती है। इस पर भी वो भगवान का ही धन्यवाद करते है कि उन्हें लोगों का भला करने का सौभाग्य प्राप्त होता है।

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