सेवा कार्यों के लिए समर्पण भाव होना जरुरी: अरविंद शर्मा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। 1982 में बसंत पंचवी को सेवा भारती ने के तीन सदस्यों स्व. महिंदरपाल सूद, धर्मपाल सरीन एवं श्याम सुन्दर कालिया ने सिविल अस्पताल के मरीजों को दूध एवं ब्रैड भेंट करने की सेवा का शुभारंभ किया था। उनकी सतत तपस्या से शुरु की गई यह सेवा उस दिन से लेकर आज तक लगातार 37 सालों से सेवा भारती के सदस्य निस्वार्थ भाव से बिना किसी नागा के रोजाना सुबह मरीजों को दूध एवं ब्रैड व रस आदि भेंट करने की सेवा निभा रहे हैं।

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1982 में बसंत पंचवी को सेवा भारती ने शुरु की थी मरीजों को दूध-ब्रैड भेंट करने की सेवा

बसंत पंचमी वाले दिन सेवा भारती ने 37 साल पूरे होने की खुशी सिविल अस्पताल के मरीजों के साथ सांझा की और उन्हें रोज की तरह दूध एवं ब्रैड आदि भेंट करके प्रभु से प्रार्थना की कि वे इस सेवा को जारी रखने की शक्ति प्रदान करते रहें। इस संबंधी जानकारी देते हुए संस्था के महामंत्री अरविंद शर्मा जोकि 1988 से महामंत्री के पद पर रहते हुए सेवा कर रहे हैं ने बताया कि आज इस सेवा कार्य के साथ जुडक़र शहर के कई गणमान्य लोग एवं शहर निवासी मानवता की सेवा में अदृश्य रहकर कार्य कर रहे हैं। संस्था के सक्रिय सदस्य प्रधान बी.के. भारद्वाज की अगुवाई एवं प्रेरणा से प्रतिदिन बिना नागा के दूध वितरण की सेवा में पहुंचते हैं तथा अन्यों को भी इसके लिए प्रेरित करते हैं। बसंत पंचमी का दिन हमारी संस्कृति में बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है तथा इस दिन के महत्व को देखते हुए ही हमारे पूजनीय बुजुर्गों में यह सेवा करने की शुरुआत की थी। उनके आशीर्वाद एवं शहर निवासियों के सहयोग से यह सेवा निर्विघ्न जारी है। उन्होंने कहा कि सेवा कार्यों के लिए समर्पण भाव का होना जरुरी है तथा सेवा भारती का प्रत्येक सदस्य निस्वार्थ भाव से अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहा है।

प्रधान बी.के. भारद्वाज ने सभी सदस्यों की सेवा कार्य के प्रति उनका धन्यवाद किया और उनसे इसी प्रकार सहयोग की आशा की। श्री भारद्वाज ने बताया कि हाल ही में फेसबुक के माध्यम से संस्था के साथ जुड़े नए सदस्य एडवोकेट राजेश ओहरी मरीजों के लिए गाय का दूध भेंट कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सेवा कार्य में अन्यों के साथ-साथ दर्शन कौशल, प्रेम कुमार, विक्रम बैंस, नरेश सोढी, एडवोकेट रंजन ठाकुर, चंद्रशेखर गौतम, अश्विनी सोनी व अश्विनी कालिया का विशेष सहयोग मिल रहा है।

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