आतंकी हमलों के लिए कश्मीरी भी हैं बराबर के जिम्मेदार, कड़ी कार्रवाई हो: अश्विनी गैंद

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-कहा, कश्मीर और आतंक के मुद्दे पर राजनीतिक रोटियां सेंकने से बाज आएं राजनीतिक दल, पूरी तरह से सेना के हवाले किया जाए कश्मीर-
होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों के लिए जितने आतंकवादी सगठन जिम्मेदार हैं उतनी ही वहां की जनता भी है, जो आतंकियों को संरक्षण प्रदान करती है और उन्हें भागने में मदद करती है। जिसके चलते कश्मीर में आतंकी अपने नापाक मनसूबों को अंजाम देने में कामयाब हो जाते हैं। इसलिए अब समय आ चुका है कि भारत सरकार आतंकियों से निपटने के साथ-साथ आतंकियों को संरक्षण देने वाले कश्मीरियों को भी आतंकी समझे और उन्हें गोली मारने का स्पष्ट आर्डर दे ताकि आतंकियों व उनके सहयोगियों को उनके किए की सजा दी जा सके।

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उक्त बात सामाजिक संस्था ‘नई सोच’ के संस्थापक अध्यक्ष अश्विनी गैंद ने अनंतनाग में यात्रियों की बस पर हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कही। श्री गैंद ने कहा कि श्री अमरनाथ यात्रियों पर हमला करके आतंकियों ने जो कायराना हरकत की है उसका जवाब देने के लिए भारत सरकार को हर स्तर पर जाकर फैसला लेना होगा और आतंकियों को उसके घर में घुसकर मारने के लिए सेना को आदेश जारी करना चाहिए। इतिहास साक्षी है कि जब भी किसी ने भारत की संप्रभुता को ललकारा है मुंह की खाई है और आज कश्मीर को पूरी तरह से भारत का अंग बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दवाब की परवाह किए बिना भारत सरकार अपने घर की रक्षा हेतु सख्त से सख्त कदम उठाए। इसके लिए सबसे पहले भारत सरकार को जम्मू-कश्मीर सरकार को भंग करके वहां पर राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए और वहां की कमान पूरी तरह से सेना के हाथों में सौंप कर आतंकियों और उनके आकाओं का सफाया करने के निर्देश जारी करने चाहिए ताकि भारत की तरफ कोई भी आतंकी संगठन आंख उठाकर देखने की हिम्मत न कर सके।

अगर अब सरकार इस तरह के कड़े फैसले नहीं लेगी तो आने वाले समय में कश्मीरियों के प्रति अन्य देश वासियों के दिलों में घृणा का ऐसा बीज पनप जाएगा जिसे मिटाना असंभव हो जाएगा और सिविल वार जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी। इसलिए केन्द्र सरकार को बिना किसी दवाब के आतंकियों को उनकी भाषा में जवाब देने की नीति को और भी ठोस कर देना चाहिए।

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