किसान गेहूं की कटाई के बाद नाड़ व अन्य फसलों के अवशेष को न लगाए आग: जिलाधीश

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। 10 अप्रैल को जिले की मंडियों में जहां विभिन्न एजेंसियों की ओर से गेहूं की सरकारी खरीद शुरु की जाएगी वहीं गेहूं की कटाई को लेकर भी जिला मैजिस्ट्रेट-कम-डिप्टी कमिश्नर अपनीत रियात ने जिले के किसानों को जरुरी निर्देशों का पालन यकीनी बनाने के लिए कहा है। उन्होंने एक ओर किसानों को जहां गेहूं की नाड़ व अन्य फसलों के अवशेष को आग न लगाने के निर्देश दिए हैं वहीं जिले में कंबाइन मालिकों व आपरेटरों को भी गेहूं की कटाई सांय 7 बजे से सुबह 8 बजे के बीच न करने का आदेश दिया है।

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जारी आदेश में उन्होंने फौजदारी संहिता 1973(1974 का एक्ट नंबर 2) की धारा 144 की अंतर्गत प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए जिले की सीमा के अंदर गेहूं के अवशेष को आग लगाने पर पाबंदी लगा दी है। इसके अलावा यह भी हिदायत की कि किसी भी हालत में कंबाइन मालिकों, आपरेटरों की ओर से गेहूं की कटाई सांय 7 बजे से सुबह 8 बजे के बीच न की जाए। उन्होंने गेहूं की कटाई करते समय कंबाइनों में उपलब्ध पंखों को चालू रखने की भी हिदायत देते हुए 30 मई तक इन आदेशों का पालन करने के निर्देश दिए हैं।

जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि उनके ध्यान में आया है कि आम तौर पर जमींदार गेहूं की कटाई के बाद बच गए अवशेषों को खेतों में आग लगा देते हैं, जिससे वातावरण जीव-जंतु, नजदीक लगी फसल, सडक़ किनारे लगए पौधे व पेड़ों को नुकसान होने का डर रहता है। उन्होंने कहा कि आग लगाने से जहां वातावरण प्रदूषित होता है वहीं जमीन की उपजाऊ शक्ति भी कम होती है। इससे जमीन के मित्र कीड़े भी मर जाते हैं। अपनीत रियात ने कहा कि उनके ध्यान में यह भी आया है कि आम तौर पर गेहूं की कटाई कंबाइनों से की जाती है व कंबाइन मालिक जमींदारों को फसल की कटाई के सही समय के बारे में जानकारी नहीं देते व रात के समय भी फसल की कटाई करते हैं। कई बार अनपकी व नमी वाली फसल की कटाई भी कर दी जाती है। ऐसी फसल को खरीदने के समय खरीद एजेंसियां गुरेज करती हैं, जिससे जमींदारों को काफी मुश्किल पेश आती है। उन्होंने किसानों को अपील करते हुए कहा कि वे निर्धारित नमी वाला गेहूं ही मंडियों में लाने के लिए कहा है।

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