होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। जनरल कैटागिरी वैल्फेयर फैडरेशन पंजाब की बैठक प्रदेश अध्यक्ष सुखबीर सिंह की अध्यक्षता में मोहाली में हुई। जिसमें जिला होशियारपुर से प्रधान कपिल पराशर ने ईकाई का प्रतिनिधित्व किया। बैठक से लौटने उपरांत श्री पराशर ने साथियों को बैठक में समस्याओं और मांगों संबंधी हुई चर्चा से अवगत करवाया। श्री पराशर ने बताया कि देखने में आ रहा है कि अलग-अलग विभागों में आरक्षण नीति की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं तथा कई विभागों में आरक्षण नीति से अधिक आरक्षण दिया जा रहा है, जिससे जनरल वर्ग के युवाओं के साथ सरेआम बेइंसाफी हो रही है तथा मैरिट में होने के बावजूद उन्हें नौकरी नहीं मिल रही। जिसके तहत सामान्य वर्ग अपने बच्चों को विदेशों में भेजने को मजबूर हो रहा है। पीछे माता-पिता अकेले रह जाते हैं, जिस कारण बुढ़ापे में उन्हें और भी कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि आरक्षित कैटागिरी के मैरिट में आ रहे कर्मियों को कोटे में नहीं गिना जा रहा, जबकि कोटे का अर्थ था कि कम से कम नुमाइंदगी होना जरुरी है। परन्तु मैरिट में आने वाले रिजर्व कर्मियों को कोटे में नहीं गिना जाता, जिससे रिजर्व कैटागिरी के कर्मियों की संख्या 85 फीसदी होने लगी है। उन्होंने साफ किया कि जनरल वर्ग की मात्र 15 फीसदी भर्ती होती है। जो पढ़ीलिखी जनरल नौजवान पीढ़ी के साथ अन्याय है। इतना ही नहीं स्टेशन का चुनाव भी रोस्टर के आधार पर करवाया जा रहा है, जिससे जनरल वर्ग के मैरिट में आए कर्मियों को दूर दराज के स्टेशन मिलते हैं।
पंजाब सरकार से उन्होंने मांग की कि जनरल वर्ग के हकों की रक्षा के लिए प्रदेश में जनरल भलाई बोर्ड का गठन किया जाए ताकि किसी भी परेशानी के समय जनरल वर्ग बोर्ड के पास अपनी बात रख सके। श्री पराशर ने बताया कि पुराने समय में कोटा इसलिए लागू किया गया था कि यह लोग मैरिट में कम आते थे तथा अब जबकि यह मैरिट में आ रहे हैं तो ऐसे समय में भी कोटा तय करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि मौजूद समय में भर्ती मैरिट के आधार पर होनी चाहिए, अगर रिजर्व वर्ग की नुमाइंदगी कम हो तो जरुरत अनुसार कोटा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब समय के अनुसार आरक्षण नीति में बदलाव की जरुरत है ताकि जनरल वर्ग के बच्चे विदेशों का रुख न करें और अपने देश में रहकर समाज, देश व माता-पिता की सेवा कर सकें। उन्होंने बताया कि बैठक में प्रभजीत सिंह, जरनैल सिंह, जसवीर सिंह, सुदेश कमल शर्मा, रणजीत सिंह, यादविंदर सिंघ, सुरिंदर सैनी, मनजीत सिंह जिंदल, अमृत लाल शर्मा, हरमेश सिंह, अमृतपाल सिंह औजला एवं हरपिंदर सिंह सिद्धू मौजूद थे।