होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। मोहल्ला नीलकंठ में संघर्ष कमेटी के जिला अध्यक्ष कर्मवीर बाली ने प्राईवेट स्कूलों और सरकारी स्कूलों का अंतर बताते हुए जनता से सरकारी स्कूलों में बच्चों को दाखिल करवाने के लिए अभिभावकों को अपील की गई ताकि प्राईवेट स्कूलों के तामझाम से छुटकारा पाया जा सके और गरीबी अमीरी के अंतर को दूर किया जा सके। प्राईवेट स्कूल पढ़ाई को व्यापार समझते हैं और मनमाने ढंग से फीसें वसूली जाती है। प्राईवेट स्कूलों में कोई पौष्टिक आहार नही मिलता और वर्दियों के पैसी वसूले जाते हैं तथा बच्चों को कोई वजीफा नही मिलता। इसके साथ ही पढ़ाई के पैसे वसूले जाते है। प्राईवेट स्कूल बसों का किराया दूर-दराज जगह स्कूल बनाकर वसूले जाते हैं।
कर्मवीर बाली ने कहा कि सरकारी स्कूल हर वर्ग को शिक्षा देना चाहते हैं और यहां पर बिना फीस के बच्चों को पढ़ाया जाता है। सरकारी स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक आहार मिलता और वर्दियां भी मुफ्त मिलती है। यहां पर होनहार विद्यार्थियों को वजीफा मिलता है। सरकारी स्कूलों में कोई पैसा नहीं लिया जाता और शहर-शहर, गांव-गांव में स्कूल हैं और बच्चे पैदल आ जा सकते है। कर्मवीर बाली ने कहा कि प्राईवेट स्कूलों की चकाचौंध से बाहर आयें और सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाये ताकि आपके घर का बजट ठीक हो सके।