प्रसिद्ध साहित्यकार श्री द्वारका भारती की साहित्यक आत्मकथा ’मोची’ का विमोचन

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। आज यहां साहित्य सदन होशियारपुर की ओर से हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार श्री द्वारका भारती की साहित्यक आत्मकथा ’मोची’ का विमोचन शिवनामदेव अपना घर, हरदोखान पुर, होशियारपुर में द्वारका भारती, प्रिंसीपल धर्मपाल साहिल, डा. जसवंत राये, जसवीर सिंह धीमान, पुरुषोतम राज अहीर, नरेन्द्र सिंह जस्सल तथा अशोक पुरी की अध्यक्षता में किया गया। साहित्यक आत्मकथा ’मोची’ के विमोचन से पहले एडवोकेट पलविन्द्र सिंह पालव, पूर्व वाईस प्रधान बार काउंसिल होशियारपुर, रमेश कुमार संपादक बौद्ध धर्म प्रचारक तथा दर्शन सिंह दर्शन ने साहित्कार द्वारका भारती को इस पुस्तक के प्रकाशन के लिए मुबारकबाद दी। इस अवसर पर प्रिंसीपल धर्मपाल साहिल ने कहा कि अपनी आत्मकथा लिखना अपने पोस्ट मार्टम करने के समान है। यह अपने अन्तर्मन को उघाड़ कर पाठकों को दिखाने जैसा है, जिस कार्य में लेखक सफल रहा है।

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डा. जसवंत राये ने पुस्तक के मंथन के बाद बताया कि द्वारका भारती ने अपने व्यवसाय और साहित्य को हमेशां एक नजऱ से देखा है। दुनिया के महान लेखकों की आत्मकथाओं के मुकाबले में इनकी यह सामान्य रचना ’मोची’ जीवन और समाज के लिए ज्यादा सार्थक है। द्वारका भारती होशियारपुर में पैदा हुए भारतीय साहित्य के एक चमकते हुए सितारे हैं। उनका जीवन समाज की जाति व्यवस्था से उपर उठ कर मानवीय मुल्यों की मिसाल है। इस अवसर पर नवचेतना प्रकाशन के प्रकाश वरिन्द्र बाली ने बताया कियह पुस्तक इस वर्ष की सभी चर्चित पुस्तकों में से एक है। यहां नरेन्द्र सिंह जस्सल ने बताया किस हम जात पात को लेकर तो लड़ते रहते हैं । लेकित द्वारका भारती को लेखक होन के साथ साथ अपने व्यवसाय मोची होने पर गर्व है तथा उन्होने इस सच्चाई को कभी छुपाने की कोशिश नहीं की। अशोक पुरी ने बताया कि यह पुस्तक समाज को बताती है कि कोई भी आदमी अपने व्यवसाय से छोटा यां बड़ा नहीं होता बल्कि अपने कर्मों से कबीर, रविदास, और नामदेव की तरह विश्व में जाना जाता है। कार्यक्रम के अन्त में लेखक द्वारका भारती तथा प्रकाशक वरिन्द्र बाली को साहित्य सदन होशियारपुर की ओर से सम्मानित किया गया।

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