भैंसों की नस्ल सुधार के लिए मिल्कफैड के सभी कृत्रिम गर्भादान केन्द्रों पर मुहैया होगा मानक सीमनः सहकारिता मंत्री

चंडीगढ़, 20 अप्रैलः राज्य में भैंसों की नस्ल सुधार में आई रुकावट को तोड़ने के लिए मिल्कफैड द्वारा राज्य के सभी कृत्रिम गर्भादान केन्द्रों में मानक सीमन मुहैया करवाने का फ़ैसला किया है। यह जानकारी देते हुये पंजाब के सहकारिता मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने कहा कि पंजाब दूध उत्पादन में अग्रणी राज्य है। यहां की मुर्रा और नीली रावी नस्ल की भैंसें दूध देने के सामर्थ्य के कारण दुनिया भर में जानी जाती हैं। देश के अन्य राज्यों को भी पंजाब बढ़िया नस्ल की भैंसें मुहैया करता आ रहा है परन्तु पिछले कुछ समय से उच्च कोटी के परखे भैंसों का सीमन उपलब्ध न होने के कारण भैंसों के नस्ल सुधार के क्षेत्र में ज्यादा तरक्की नहीं हुई।

Advertisements

सहकारिता मंत्री ने कहा कि इसी रुकावट को तोड़ने के लिए मिल्कफैड ने 6500 लीटर प्रति गर्भाधान से अधिक दूध देने वाली भैंसों से पैदा किये सांडों का सीमन मिल्कफैड के सभी बनावटी गर्भादान केन्द्रों पर मुहैया करवाने का फ़ैसला किया है। उन्होंने बताया कि नस्ल सुधार ही डेयरी सफलता का आधार है। घटिया नस्ल के पशु रखकर किसी भी हालत में डेयरी धंधे को लाभदायक धंधा नहीं बनाया जा सकता। भैंस पंजाब का अपना पशु है, यहाँ का वातावरण भैंसों के लिए अनुकूल है। इसीलिए मिल्कफैड ने प्रयास किया है कि वह भैंसों की बढ़िया नस्ल पैदा करने के लिए हर संभव यत्न करेगा।

मिल्कफैड के एम.डी. श्री कमलदीप सिंह संघा ने बताया कि वेरका की तरफ से दुधारू पशुओं की हर नस्ल, उम्र और दूध देने के सामर्थ्य के अनुसार उच्च गुणवता की वेरका पशु ख़ुराक की अलग-अलग किस्में दूध सभाओं और खुली मंडी में उपलब्ध करवाई गई हैं। वेरका की पशु ख़ुराक देने से दुधारू पशु जल्दी जवान होकर दूध देने लगता है और दो गर्भाधान में अंतर भी घटता है। हर तरह की ज़रूरी धातुओं और विटामिन युक्त वेरका पशु ख़ुराक देने से पशु लम्बा समय दूध देता है। लागत खर्च घटाने और ज्यादा दूध पैदा करने और पशु से हर साल एक बच्चा लेने के लिए दूध उत्पादकों को वेरका पशु ख़ुराक बरतने की सलाह देते हुये उन्होंने कहा कि वेरका की ’बफ स्पैशल’ पशु ख़ुराक की भैंसों के डेयरी फार्मरों के द्वारा सराहना की जा रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here