भारत ने असंख्य कुर्बानियां देकर आजादी को प्राप्त किया: प्रीत कोहली

होशियारपुर : युवक सेवाएं विभाग के होशियारपुर तथा कपूरथला के सहायक डायरेक्टर प्रीत कोहली के नेतृत्व मे सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल चौहाल के एन एस एस प्रोग्राम अधिकारी अशोक कालिया द्वारा आजादी के 75 साल पूरे होने पर आयोजित किए जा रहे समागमो के संबंध में एक वेबीनार  करवाया गया| इस मौके पर प्रीत कोहली ने कहा कि भारत ने असंख्य कुर्बानियां देकर आजादी को प्राप्त किया|  आज देश को आजाद हुए 75 साल होने वाले हैं|

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देश ने हर क्षेत्र में तरक्की की है| उन्होंने कहा कि जिन चीजों की हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी वह आज देश में बनाई जा रही है| निर्माण उद्योग तथा रक्षा के क्षेत्र में हमने अपनी अलग पहचान बनाई है| जिसके बल पर भारत एक नई ताकत बनकर उभरा है |उन्होंने कहा कि आजादी के लिए समागम 75 सप्ताह तक चलेंगे | इसमें हर एक की भागीदारी होनी जरूरी है | जब तक देश की 130 करोड़ से अधिक जनता अपने आप को आजादी के जशनो के साथ जोड़कर इस का आनंद प्राप्त नहीं करेगी तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे | उन्होंने कहा कि हमने शहीदों के विचारों को घर-घर तक पहुंचाना है ताकि नई पीढ़ी को पता चल सके कि उन्होंने तत्कालीन हुक्मरानों का इस तरह से विरोध करके अपनी कुर्बानी देकर हमारे लिए आजादी प्राप्त की |

इस मौके पर प्रोग्राम अधिकारी अशोक कालिया ने कहा कि नई पीढ़ी को शहीदों के बलिदान के बारे में पूरी जानकारी देना हमारा कर्तव्य है| क्योंकि आजादी की संभाल इसी पीढ़ी ने करनी है| उन्होंने कहा कि समागम के दौरान बच्चे किसी भी तरह से शहीदों को याद करते हुए उनके आगे नतमस्तक हो सकते हैं | उन्होंने कहा कि हमें इस बात की प्रसन्नता है कि वेबीनार में 100 से अधिक विद्यार्थी जुड़े हैं| श्री कालिया ने कहा कि अंग्रेजों ने 1757 में प्लासी के युद्ध के बाद भारत पर शासन करना शुरू किया | 1848 में उन्होंने पंजाब को भी अपने कब्जे में कर के भारत पर संपूर्ण अधिकार कर लिया | लेकिन भारत के गौरवमई इतिहास के पहरेदार स्वतंत्रता सेनानियों ने अट्ठारह सौ सत्तावन  में जो विद्रोह शुरू किया |

उसे चाहे अंग्रेजों ने दबा दिया लेकिन उसकी चिंगारी ऐसी भड़की की 1947 में अंग्रेजों को भारत छोड़कर जाना पड़ा | लेकिन वह जाते-जाते देश के दो टुकड़े कर गए जिसका हमें आज भी दुख है| वेबीनार के दौरान युवक सेवाएं विभाग के डायरेक्टर डॉ सिद्धू विशेष तौर पर शामिल हुए| सेमिनार में लेक्चरर संदीप कुमार सूद ने भी अपने विचार रखे |

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