बिना हिचकिचाहट के लगवाएं वैक्सीन,लापरवाही छोड़ें लोग

दातारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। लोगों को वैश्विक महामारी कोविड19 की दूसरी लहर का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए सभी वायरस के खिलाफ युद्ध की तरह लड़े। “द स्टैलर न्यूज़” के साथ चर्चा करते हुए सेवानिवृत एक्सियन चरनजीत सिंह ने कहा जैसे हम युद्ध की अवधि में एकजुट होते हैं और दुश्मन के खिलाफ साहसपूर्वक लड़ते हैं, यह हमारे सैनिकों का मनोबल बढ़ाता है। ठीक इसी तरह इस समय में हमारे डॉक्टर, पैरामैडिकल स्टाफ और अन्य स्वयंसेवक हमारे योद्धा हैं। हमें उनका मनोबल बढ़ाना होगा। जो कोशिश करता है वही जीतता है। एकजुट शक्ति से कोरोना को हराया जा सकता है। अफवाहों से बचना चाहिए और टीकाकरण बिना किसी हिचकिचाहट के किया जाना चाहिए। ठेकेदार दविंद्र सिंह के अनुसार देश में कोविड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले साल में यहां बहुत कम मामले थे। लेकिन अभी अप्रैल के बाद वायरस का एक बड़ा उछाल आया है और यह लगातार बढ़ता जा रहा है। यह लोगों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है।

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सरकार ने इसे नियंत्रित करने के लिए कई चिकित्सा व्यवस्थाएं की हैं। टीकाकरण पूरे जोरों पर है। प्रतिबंध लागू किए गए हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो नियमों का पालन नहीं करते हैं और ऐसे लोगों पर भारी जुर्माना होना चाहिए। साथ ही जरूरत पडऩे पर उन्हें जेल भेजना चाहिए क्योंकि इन लोगों की लापरवाही से लाखों लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है। पूर्व प्रिंसिपल बंसी लाल ने कहा जब कोरोना की पहली लहर हमारे देश में चलने ही लगी थी तो केंद्र और राज्य सरकारों ने संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया था और प्रवासी मजदूरों-कामगारों की अन-धन और आर्थिक मदद करने की भी भरपूर कोशिश की थी। लेकिन स्थानीय निकाय अर्थात कुछ भ्रष्ट लोगों की बदौलत सरकारों की योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों को नाममात्र का ही मिला और इस पर समृद्ध लोगों ने कुंडली मार दी। इस कारण प्रवासी मजदूरों को अपने-अपने घरों को वापसी मजबूरी वश करनी पड़ी। इससे कोरोना संक्रमण के गांवों तक पहुंचने के बहुत चांस बढ़ गए।

समाजसेवक रविन्द्र काला ने कहा हमारा देश गांवों का देश है और आजादी के लंबे अर्से बाद भी देश में कुछ गांव ऐसे हैं जो चिकित्सा क्षेत्र में अभी भी पिछड़े हुए हैं। कोरोना काल में वहां के लोगों को और भी दिक्कत हो जाती होगी, दूसरा मीडिया भी कोरोना के इलाज के प्रति सरकारों के रवैये को लेकर शहरी क्षेत्रों पर ही फोकस कर रहा है। कोरोना संक्रमण से गांवों को बचाने के लिए वहां के लोगों को इसके प्रति जागरूक करना भी जरूरी है क्योंकि गांवों में अभी भी लोग देशी नुस्खों को लगभग हर बीमारी के इलाज के लिए अपनाते हैं। कोरोना के प्रति गांवों के निवासियों को जागरूक करने के लिए सरकार, प्रशासन और युवाओं को गंभीरता दिखानी चाहिए। उन्हें यह समझाना चाहिए कि कोरोना के लक्षण महसूस होने पर अपनी टेस्टिंग करवाएं व कोरोना वैक्सीन लगाएं।

कमाही देवी के प्रिंसिपल राजेश ठाकुर ने कहा विशेषज्ञों के बीच एक विरोधाभास है कि वायरस की तीसरी लहर आएगी या नहीं। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार अगर हम चिकित्सा उपकरणों जैसे वेंटिलेटर, आक्सीजन, बैड और अस्थायी अस्पतालों की उचित व्यवस्था करते हैं और मास्क के उचित उपयोग, दो मीटर की दूरी, हाथ धोने, सेनेटाइजर का उपयोग आदि सावधानियां रखेंगे, तो तीसरी लहर के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। भारत में टीकाकरण की प्रक्रिया विकसित देशों की तुलना में बहुत धीमी है। अभी तक हमने 17 करोड़ लोगों को पहली खुराक दी है, जो बहुत कम है। हमें भारत में बने टीकों के उत्पादन को बढ़ाना होगा।

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