चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। लिंक सड़कों के मुख्य ज़िला सड़कों और अन्य सीधे मार्गों के तौर पर अपग्रेड होने के कारण मिनी बस ऑपरेटरों को उनके पर्मिट के नवीनीकरण में आ रही मुश्किलों को दूर करने के लिए पंजाब मंत्रीमंडल द्वारा आज इस संबंधी नियमों को आसान बनाने के लिए सहमति दी गई है।मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रीमंडल की मीटिंग में उन ऑपरेटरों को पंजाब ट्रांसपोर्ट स्कीम-2018 की धारा 3(ई) से छूट देने का फ़ैसला किया गया है जिनको स्कीम के लागू होने से पहले मोटर वाहन एक्ट, 1988 के चैप्टर पाँच के अनुसार सरकारी बसों के लिए पर्मिट जारी किया गया था। ट्रांसपोर्ट स्कीम, 2018 अनुसार उन सभी पर्मिटों, जो 2018 से पहले जारी किये गए थे और नवीनीकरण के लिए लम्बित हैं, के लिए स्कीम के नियमों और शर्तां का पालन करना चाहिए। शर्त 3(ई) अनुसार ग्रामीण लिंक सड़कों पर बस चलाने वाले ऑपरेटर अन्य ज़िला सड़कों, मुख्य ज़िला सड़कों, राज मार्गों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर 12 किलोमीटर से अधिक बस नहीं चला सकते।हालाँकि, लिंक सड़कों के अपग्रेडेशन के कारण, मिनी बस ऑपरेटरों को उनके पर्मिटों के नवीनीकरण के लिए मुशकलों का सामना करना पड़ रहा था जोकि मोटर व्हीकल एक्ट और पंजाब ट्रांसपोर्ट स्कीम-2018 अनुसार योग्य हैं।
अर्जुन बाजवा की इंस्पेक्टर और भीषम पांडे की नायब तहसीलदार के तौर पर नियुक्ति को मंज़ूरी एक विशेष केस के तौर पर मंत्रीमंडल ने अर्जुन प्रताप सिंह बाजवा को पंजाब पुलिस में इंस्पेक्टर (ग्रुप बी) के तौर पर नियुक्त करने की परवानगी दे दी है। आवेदक पंजाब के पूर्व मंत्री सतनाम सिंह बाजवा का पोता है, जिन्होंने राज्य में अमन और सद्भावना की ख़ातिर 1987 में अपनी जान कुर्बान कर दी थी। उनकी नियुक्ति मौजूदा नियमों में इसको प्रथा बनाए बिना एक-बार की माफी /ढील देते हुए की गई है।एक अन्य फ़ैसले में मंत्रीमंडल ने 1987 में आतंकवादियों द्वारा मारे गए जोगिन्द्र पाल पांडे के पोते भीषम पांडे की राजस्व विभाग में नायब तहसीलदार (ग्रुप-बी) के तौर पर नियुक्ति को भी मंजूरी दे दी है। उनकी नियुक्ति को करूणा के आधार पर नियुक्तियों संबंधी पॉलिसी, 2002 में एक बार छूट देकर विशेष केस के तौर पर माना गया है। हालाँकि, इसको प्रथा के तौर पर नहीं विचारा जायेगा।इनके परिवारों के बलिदान का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों के बच्चों/पोते-पोतियों को उनकी सरकार द्वारा केस के आधार पर करूणामूलक नियुक्ति के लिए विचारा जाना जारी रखा जायेगा।