होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। होशियारपुर-चंडीगढ़ मार्ग पर बजवाड़ा बाईपास के समीप तबलीगी जमात द्वारा किए जा रहे एक कार्यक्रम की भनक मिलते ही अलग-अलग हिन्दू संगठनों के लोग वहां इकट्ठा होना शुरु हो गए। संगठनों का कहना था कि जमात के लोग ऐसे कार्यक्रमों की आड़ में धर्म परिवर्तन करवाते हैं। इस बात का पता चलते ही एसपी रविंदरपाल सिद्धू खुद पुलिस पार्टी के साथ मौके पर पहुंच गए थे। हालांकि दूसरी तरफ जमात की तरफ से मो. रियाज अनसारी का कहना था कि उन पर लगाए जा रहे आरोप झूठे हैं। उन्होंने घर में एक कार्यक्रम रखा था, जिसमें मुस्लिम समाज के लोग ही शामिल थे।
जानकारी अनुसार बुधवार शाम को बजवाड़ा बाईपास के समीप एक घर में तबलीगी जमात द्वारा एक घर में कार्यक्रम करवाया जा रहा था। जिस संबंधी सूचना मिलने पर कि उक्त स्थान पर धर्मपरिवर्तन मुहिम को अंजाम दिया जा रहा है, की भनक लगते ही अलग-अलग के लोगों द्वारा धर्म परिवर्तन करवाने के नाम पर एक कार्यक्रम करवाया जा रहा था। इस पर नई सोच से अश्नवी गैंद, अमन सेठी, नीरज कुमार, राजेश शर्मा, विशाल वर्मा, जसविंदर सिंह, भारतीय विकास परिषद के संजीव अरोड़ा, एच.के. नकड़ा, कुणाल कालिया, विशाल वालिया, राजिंदर मोदगिल, अवतार सिंह व बाला जी क्रांति सेना के सदस्यों ने मौके पर पहुंचकर इसका विरोध करना शुरु कर दिया। इस अवसर पर अश्विनी गैंद व अन्यों ने बताया कि उक्त लोगों के बारे में उन्हें पहले भी पता चला था कि वह धर्ण की आड़ में लोगों का धर्म परिवर्तन करवाते हैं तथा आज उन्हें पक्की खबर मिली थी कि उक्त घर में धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है और उन्हें इक_ा होता कार्यक्रम में पहुंची हिन्दू महिलाओं चुपचाप यहां से निकल गईं। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले अनसारी मजदूरी करता था और र्आिक मंदी से गुजर रहा था, लेकिन एकाएक इसके इतने ठाठ कैसे हो गए और इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि उसके पास इतना पैसा कहां से आया और इन्हें कौन फंडिंग कर रहा है। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस संबंधी पुलिस को एक शिकायत भी दी है। दूसरी तरफ अनसारी ने आरोपों को गलत ठहराते हुए कहा कि उनके यहां महिलाओं का एक कार्यक्रम होता है और महिलाएं कार्यक्रम में भाग लेने पहुंची थी। यहां पर धर्म परिवर्तन नहीं करवाया जा रहा था।
इस संबंधी पुलिस का कहना था कि मामले की जांच की जा रही है तथा जो भी बात सामने आएगी उसके हिसाब से कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार पता चला है कि शहर में एक समुदाय से संबंधित ऐसे कई लोग हैं जो यहां पर दिहाड़ी मजदूरी करने आए थे और आज महंगे भाव किराये की दुकानें चलाने के साथ-साथ कईयों ने यहां पर करोड़ों की प्रापर्टी तक खरीद ली है। यही नहीं दुकान पर ग्राहकी न के बराबर होने के बावजूद वे इतना महंगा किराया कैसे दे रहे हैं, को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। लेकिन इस तरफ किसी ने भी जांच के लिए कोई कदम उठाना जरुरी नहीं समझा। जानकारी अनुसार जिस दुकान का नार्मल किराया 8-10 हजार रुपये है वहां पर यह लोग 25 से 30 हजार रुपये किराया देने को भी तैयार हो जाते हैं। ऐसे में सवाल यह है कि अधिक रुपये के लालच में कियारे पर दुकानें तो चढ़ाई जा रही है, लेकिन लोग यह नहीं सोच रहे कि आखिर इतना पैसा यह कहां से लाएंगे। और तो और शहर के अलग-अलग हिस्सों में दुकानों के आगे लगने वाली जूस एवं फल-सब्जियों व अन्य सामान की रेहडिय़ों की बढ़ती तादात भी सवालों के घेरे में है और उनका दुकान के आगे पार्किंग स्थल में खड़ा होना व वहां खड़ा होने के लिए दुकानदार द्वारा रेहड़ी वाले से रोजाना के हिसाब से पैसे लेने की भी जांच अनिवार्य बनती जा रही है। जिसे लेकर शहर की कई संस्थाओं द्वारा आवाज उठाने की तैयारी की जा रही है और पिछले कुछ माह पहले शहर की एक संस्था ने बिरियानी की दुकान को लेकर भी सवाल खड़े किए थे कि वे लोगों को क्या खिला रहे हैं। अब देखना यह होगा कि इस मामले के उजागर होने के बाद सरकारी एजेंसियां, स्थानीय पुलिस व जिला प्रशासन क्या कदम उठाता है तथा शहर की संस्थाओं की अगली रणनीति क्या रहती है। जानकारी अनुसार दूसरी तरफ विवाद के बाद तबलीगी जमात के लोग शाम को ही वापस चले गए थे। जिससे मामले को लेकर कई प्रकार के सवाल एवं आशंकाएं पैदा होती हैं।