होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। गांव मरनाईया में श्रीमती सरस्वती देवी मैमोरियल एजुकेशनल एंड वैल्फेयर सोसायटी की तरफ से भारत सरकार की स्कीम नई रोशनी (अल्पसंख्यक महिलाओं में नेतृत्व विकास प्रशिक्षण) अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालयों के तहत 6 दिवसीय मुफ्त प्रशिक्षण शिविर के तीसरे दिन सुबह नो वजे आरम्भ हुआ। जिसमें प्रवक्ता पूजा शर्मा ने सुबह के स्तर में महिलाओं और लड़कियों के विरुद्ध हिंसा या क्रूरता विषय पर पुरे विवरण के साथ प्रतिभागियों को विस्तृत जानकारी एवम ज्ञान प्रदान किया। 11 बजे प्रतिभागियों को चाय वितरित कि गई और दोपहर को प्रतिभागियों को भोजन करवाया गया। भोजन के बाद में दूसरे सतर में अधिवक्ता अर्चना ने महिलाओं के कानूनी अधिकार और सूचना का अधिकार विषय में पूरी जानकारी दी गई। इस प्रशिक्षण शिविर के प्रोजेक्ट इंचार्ज पूजा शर्मा ने बताया कि महिलाओं को देवी के समान माना जाता है।
कुछ घरो में लोग लड़कियों के जन्म को देवी लक्ष्मी का रूप समझकर शुभ मानते है। महिलाएं घर और दफ्तर दोनों को अच्छे और संतुलित तरीके से चला रही है। पहले की तुलना में आज हर लडक़ी देश में शिक्षित हो रही है और हर क्षेत्र में किसी न किसी पद पर कार्य कर रही है। पुरुषो के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर चल रही है। कहीं न कहीं आज नारी की सुरक्षा पर प्रश्न चिह्न लग रहे है। इसका कारण है, नारियों पर आये दिन बढ़ते हुए अत्याचार और बलात्कार इत्यादि जैसे निंदनीय अपराध है। महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार और कानून ने कई सख्त नियम बनाये है। फिर भी देश के कई स्थानों में महिलाओं का अपहरण और हत्या जैसे संगीन जुर्म के बारे में सुनने को मिल रहे है।
अब समय आ गया है कि सरकार और समाज एकत्रित होकर हल निकाले ताकि महिलाएं महफूज़ रहे। आज भी कुछ जगहों में नारियों को दहेज़ प्रथा जैसी कुप्रथाओ के कारण अपने ससुराल के अत्याचार सहन करने पड़ते है। दहेज़ पाने के लिए कुछ लोग इतने हिंसक बन जाते है कि लड़कियों को जिन्दा जला देते है। सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाये है और दोषियों को सजा मिल रही है। मगर ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाना अनिवार्य हो गया है। विदेशी संस्कृति का प्रचलन देश में काफी बढ़ गया है। लड़कियां अगर मॉडर्न और छोटे कपड़े पहनती है , तो बुरी मानसिकता वाले लोग उसे गलत नजऱ से देखते है। किसी के बारे में सोच उसके कपड़ो से नहीं बनानी चाहिए। कुछ मनचले लोग अपनी घिनौने मानसिकता की वजह से ऐसा करते है।