सरकार ने डेंगू के फैलाव को रोकने के लिए जांच और इलाज सुविधाएं बढ़ाईं

चंडीगढ़ ( द स्टैलर न्यूज़)। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव श्री आलोक शेखर ने आज यहाँ जानकारी देते हुए बताया कि इस साल के दौरान पंजाब में डेंगू के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि अब तक राज्यभर में डेंगू के 1724 पुष्ट मामले सामने आ चुके हैं। अमृतसर, होशियारपुर, श्री मुक्तसर साहिब, एस.ए.एस नगर, बठिंडा और पठानकोट डेंगू के मरीजों से सम्बन्धित मुख्य जिले हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने डेंगू के प्रकोप को रोकने और प्रबंधन के लिए, टेस्टिंग लेबों की संख्या बढ़ाकर 39 कर दी है।इस संबंधी अधिक जानकारी देते हुए श्री आलोक शेखर ने कहा कि डेंगू और मलेरिया को महामारी रोग एक्ट, 1897 के अंतर्गत नोटीफायी किया गया है, जिसके अनुसार सभी प्राईवेट मैडीकल प्रेक्टीशनरों को डेंगू और मलेरिया के मामले की रिपोर्ट स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को देनी ज़रूरी है। नोटिफिकेशन का उल्लंघन करने पर किसी भी अस्पताल के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने बताया कि ख़ून और ख़ून के कणों की मुकम्मल जांच के लिए ज़रूरी किटें सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध हैं।

Advertisements

लारवीसाईडस और कीटनाशकों की वृद्धि को रोकने के लिए यत्न किये जा रहे हैं और इसके लिए उचित मात्रा में अपेक्षित स्प्रे उपलब्ध है।उन्होंने बताया कि विभाग ने डेंगू के मामलों के तुरंत और सभ्यक प्रबंधन के लिए डेंगू वार्ड बनाए हैं और सरकारी अस्पतालों में डेंगू मरीज़ों के लिए बैंडों की व्यवस्था है। डेंगू के लिए स्प्रे गतिविधियों के लिए ब्रीडिंग चैकरों की संख्या बढ़ाकर 460 कर दी गई है और जिस घर में कोई केस सामने आता है, उस घर के आसपास के 50-60 घरों में, ज़रुरी कीटनाशक का छिड़काव किया जाता है।स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के डायरैक्टर डॉ. अन्देश कंग ने आगे बताया कि बढ़ रहे मामलों के मद्देनज़र डेंगू से बचने और इसे फैलने से रोकने के लिए जागरूकता गतिविधियां चलाईं गई हैं। उन्होंने आगे कहा “हर शुक्रवार को ड्राई डे घोषित किया गया है जिससे समाज को मच्छर पैदा होने वाले स्थानों जैसे खाली बर्तन, गमले, टायर, कूलर आदि में पानी जमा होने से रोकने के लिए उत्साहित किया जा सके। डेंगू के प्रभावशाली प्रबंधन के लिए राज्य के सरकारी मैडीकल कॉलेजों द्वारा मैडीकल और पैरा-मैडीकल स्टाफ को जागरूक करने का काम नियमित रूप से किया जा रहा है।

डायरैक्टर स्वास्थ्य ने यह भी कहा कि राज्य और ज़िला स्तर पर  संबंधित विभागों के साथ मीटिंगें की जा रही हैं और कीटनाशकों, लारवीसाईडस आदि की फॉगिंग के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायत और स्थानीय निकाय विभाग की भागीदारी बधाई गई है। परिवार कल्याण विभाग पंजाब द्वारा पीजीआई के सहयोग से डेंगू पर शोध, विभिन्न कीटनाशकों के प्रभाव और विशेषताओं और डेंगू के लिए ज़िम्मेदार अलग-अलग वायरसों की सेरोटाईपिंग के लिए काम किया जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here