होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। सरकारी कालेजों के अस्तित्व के लिए लड़ाई लडऩे वाले गैस्ट फैकेल्टी सहायक प्रोफैसर खुद अपने भविष्य को लेकर चिंतत हैं, क्योंकि 18-20 साल से उनका आर्थिक और मानसिक शोषण हो रहा है। राज्य के 48 कालेजों में 962 गैस्ट फैकेल्टी सहायक प्रोफैसर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वर्ष 2002 से सरकारी कालेजों में फैकेल्टी प्रोफैसर रखने की किवायत शुरू हुई थी।
बता दें कि नाम से तो यह सहायक फैकेल्टी प्रोफैसर हैं, लेकिन इनकी तरफ से अकादमिक और गतिविधियां इतने बड़े सत्र पर निभाई जा रही हैं, जोकि सरकारी कालेजों में काम करते रैगूलर और पार्टटाइम सहायक प्रोफैसरों से कहीं ज्यादा हैं। वर्ष 2005 इन गैस्ट फैकेल्टी सहायक प्रोफैसरों को 100 रुपए प्रति घंटा और एक माह का ज्यादा से ज्यादा 5000 रुपए और इस उपरांत 175 रुपए प्रति घंटा और ज्यादा से ज्यादा 7500 रुपए प्रति महीना ही दिया जाता था। साल 2011 में उन्हें लमसम 10000 रुपए प्रति माह और हर साल इसमें 10 प्रतिशत बढ़ौतरी का फैसला पंजाब सरकार की तरफ से किया गया था, जिसे काफी लंबे समय बाद कालेजों के प्रिंसिपलों ने लागू किया था। वर्ष 2016 से गैस्ट फैकेल्टी सहायक फ्रोफैसरों को 1100 रुपए पीटीए फंड और 1000 रुपए ग्रांट इन ऐड के रूप में दिया जाने लगा और इसमें हर साल 5 प्रतिशत वृद्धि का भी वादा किया गया। लेकिन अब उन्हें 24000 रुपए के करीब प्रति महीना देकर उनका आर्थिक शोषण किया जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि सरकारी कालेजों में 250 के करीब पार्ट टाइमर सहायक प्रोफैसर काम करते हैं, जिन्हें बिना शर्त सरकारी खजाने से 53568 रुपए प्रति माह दिए जा रहे हैं। इस तरह गैस्ट फैकेल्टी सहायक प्रोफैसरों से भेदभाव किया जा रहा है।
गैस्ट फैकेल्टी सहायक प्रोफैसरों से भेदभाव बंद करके उनका हक दे राज्य सरकार- डा. राविंदर सिंह मानसा
गैस्ट फैकेल्टी प्रोफैसर्ज एसोसिएशन पंजाब के सूबा प्रधान डा. राविंदर सिंह मानसा ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मांग की कि 962 गैस्ट फैकेल्टी प्रोफैसरों को बिना किसे शर्त पर पार्ट टाइम सहायक प्रोफैसरों के बराबर दर्ज देकर उनके बरारबर 53568 रुपए तनख्वाह दी जाए। उन्होंने मांग की कि पीटीए खत्म किया जाए ताकि गरीब विद्यार्थी भी उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकें। यूनियन की इस मांग का सरकारी कालेज होशियारपुर के गैस्ट फैकेल्टी प्रोफैसरों ने भी समर्थन किया। इस मौके पर प्रो.पलविंदर कौर, प्रो.हरप्रीत कौर, प्रो.अमृत कौर, प्रो.मनिंदर कौर, प्रो.सरिता, डा. नीति शर्मा, डा. विक्रमजीत सिंह, आशीश कुमार, प्रो.गुरविंदर कौर, प्रो. संदीप कौर, प्रो.सोनिया, प्रो.मोनिका शामिल थे।