जालंधर (द स्टैलर न्यूज़)। धान की पराली की संभाल के लिए ज़िला जालंधर में चलाई जा रही जागरूकता मुहिम में ज़िले के गाँवों की नौजवान सोसायटियों और क्लबों की तरफ से भी अपना बनता योगदान दिया जा रहा है। शहीद उधम सिंह स्पोर्टस और यूथ क्लब गाँव नवां गाँव दोनेवाल ब्लाक शाहकोट अधीन कुल 15 नौजवान किसानों की तरफ से इस सीजन के दौरान गाँव मक्खी, फूल, नवां गाँव दोनेवाल में 400 एकड़ क्षेत्रफल में पराली की उचित संभाल करते हुए आलू और गेहूँ की बिजवाई की गई है। कृषि और किसान भलाई विभाग की तरफ से इस ग्रुप को मलचर और सुपसीडर मशीनें सब्सिडी पर मुहैया करवाई गई थीं और अब इस सोसायटी के नौजवानों की तरफ से नजदीकी गाँवों में दूसरे किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इस तरह गाँव उप्पल जागीर ब्लाक नूरमहल सेवा सोसायटी के प्रधान गुरमीत सिंह और गाँव के सरपंच हरप्रीत सिंह की तरफ से गाँव नाहल, भद्दोवाल और उप्पल जागीर में 400 एकड़ क्षेत्रफल अधीन पराली की उचित संभाल की गई है, जिस के लिए इस ग्रुप अधीन 12 नौजवान की तरफ से सुपरसीडर और बेलरों आदि का प्रयोग किया गया। इस के इलावा शादीपुर किसान वैल्लफेयर सेवा सोसायटी की तरफ से भी सुपरसीडर, हैपीसीडर आदि मशीनों के द्वारा 300 एकड़ क्षेत्रफल में पराली की संभाल का कार्य किया जा रहा है।
सुखविन्दर सिंह प्रधान शहीद उधम सिंह स्पोर्टस और यूथ सर्विस नवां गाँव दोनेवाल ने बताया कि जिन किसानों की तरफ से पिछले समय के दौरान पराली को ज़मीन में जोत कर गेहूँ या आलू की फ़सल की बिजवाई की गई है, वह पराली की संभाल के द्वारा मिट्टी की उपजाऊ शक्ति में होते सुधार के प्रति अवगत हो चुके हैं। इसी तरह कुलबीर सिंह गाँव शादीपुर ने भी कहा कि अब किसानों में चेतन्नता बढ़ रही है और सभी किसान पराली की संभाल की तरफ अपना बनता योगदान डाल रहे हैं। मुख्य कृषि अधिकारी जालंधर डा. जसवंत राय ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग की तरफ से ऐसी नौजवान सेवा सोसायटियों को पराली की उचित संभाल के लिए जागरूक करते हुए पिछले समय दौरान सब्सिडी पर अलग -अलग मशीनें भी मुहैया करवाई गई जिससे पराली की उचित संभाल की जा सके। उन्होंने बताया कि पिछले समय दौरान ज़िले में 1200 खेती मशीनरी सेवा केन्द्रों के द्वारा किसानों को मशीनें मुहैया करवाई जा चुकीं हैं। उन्होंने बताया कि जालंधर के समूह ब्लाकों में जहाँ 900 बाल पेंटिंग के द्वारा पराली की संभाल के लिए महत्वपूर्ण संदेश किसानों को दिए जा रहे हैं वहीं जिले के ग्रामीण स्कूलों में विद्यार्थियों के भाषण, पेंटिंग आदि के मुकाबले करवा कर पराली की संभाल का संदेश घर घर पहुँचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाकी गाँवों के नौजवानों को भी आगे आकर अपने गाँवों में पराली की उचित संभाल की तरफ कदम बढ़ाना चाहिए।