कपूरथला (द स्टैलर न्यूज़)। रिपोर्ट: गौरव मढिय़ा। समाज सेवक करन आदिया द्वारा संविधान निर्माता डा.भीमराव आंबेडकर को परिनिर्वाण दिवस व पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन भेंट किए गए।इस दौरान बाबा साहिब के संदेश शिक्षा हासिल करो और आगे बढ़ो’को घर-घर पहुंचने का संकल्प लिया गया।करन आदिया ने कहा कि बाबा साहब ने कहा था कि किसी भी कौम का विकास उस कौम की महिलाओं के विकास से मापा जाता है।जो व्यक्ति अपनी मौत को हमेशा याद रखता है वह सदा अच्छे कार्य में लगा रहता है।मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता,समानता और भाई-चारा सिखाए,मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्छा है,मेरे बताए हुए रास्ते पर चलें,रात-रातभर मैं इसलिए जागता हूं क्योंकि मेरा समाज सो रहा है,जो कौम अपना इतिहास नहीं जानती,वह कौम कभी भी इतिहास नहीं बना सकती, अपने भाग्य के बजाय अपनी मजबूती पर विश्वास करो,मैं राजनीति में सुख भोगने नहीं बल्कि अपने सभी दबे-कुचले भाइयों को उनके अधिकार दिलाने आया हूं,
मनुवाद को जड़ से खत्म करना मेरे जीवन का प्रथम लक्ष्य है,जो धर्म जन्म से एक को श्रेष्ठ और दूसरे को नीच बनाए रखे,वह धर्म नहीं,गुलाम बनाए रखने का षड़यंत्र है,राष्ट्रवाद तभी औचित्य ग्रहण कर सकता है,जब लोगों के बीच जाति,नस्ल या रंग का अन्तर भुलाकर उसमें सामाजिक भ्रातृत्व को सर्वोच्च स्थान दिया जाए,मैं तो जीवन भर कार्य कर चुका हूं,अब इसके लिए नौजवान आगे आएं।करन आदिया ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने भारत के संविधान में सभी नागरिकों को समान दर्जा देने की व्यवस्था दी थी, लेकिन आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी भारत में जाति,धर्म, इलाकावाद व लिंग के नाम पर असमान व्यवहार हो रहा है।उन्होंने कहा कि पिछड़ा समाज अपनी मुश्किलों से बाबा साहिब की शिक्षाओं को अपना कर ही बाहर निकल सकता है।जब तक हम शिक्षित नहीं होते,तब तक हम अपनी गरीबी और अन्य मुश्किलों से बाहर नहीं निकल सकते।इसलिए अधिक से अधिक शिक्षा हासिल करना और अपने हक की लिए संघर्ष करना हमारा लक्ष्य होना चाहिए।उन्होंने कहा कि बाबा साहिब को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम उनकी शिक्षाओं को अपना कर अपने जीवन कर स्तर ऊंचा उठाएं।इस अवसर पर हरदेव मान,लकी भुलर,नवदीप शर्मा आदि मौजूद थे।