पौंग बांध वैटलैंड में पहुंचे 87222 प्रवासी पक्षी, 88 प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों ने जमाया डेरा: राहुल रोहाणी

दातारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। ब्यास नदी पर बने एशिया के सबसे बड़े मिट्टी की दीवार से बने पौंग बांध स्थित महाराणा प्रताप सागर झील में मेहमान परिंदों की आमद जारी है। वन्य प्राणी विंग की टीम ने पौंग झील में प्रवासी पक्षियों की पाक्षिक गणना की। पाक्षिक गणना में पौंग झील में 88 प्रजातियों के 87222 प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं। वन्य प्राणी विंग की यह रूटीन गणना है। वार्षिक गणना जनवरी में विभिन्न पक्षी संगठनों के विशेषज्ञ वन्य प्राणी विंग के साथ करेंगे। पाक्षिक गणना के लिए वन्यप्राणी विंग ने 15 टीमों का गठन किया। देर रात तक गणना अभियान चलाया गया। वन्यप्राणी विंग हमीरपुर के डीएफओ राहुल रोहाणे ने इसकी जानकारी दी। 16 जनवरी को हुई गणना की जानकारी देते हुए डीएफओ ने बताया अभी तक झील में किसी भी प्रवासी पक्षी के मरने की सूचना नहीं है। उन्होंने कहा अगर किसी को कोई पक्षी झील क्षेत्र में मृत दिखाई देता है, तो उसे न छुएं और इसकी सूचना वन्य प्राणी विंग को दी जाए। ऐसे पक्षियों की जांच करवाई जाएगी।

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उन्होंने कहा पिछले वर्ष दिसंबर महीने में पौंग झील में प्रवासी पक्षियों की बर्ड फ्लू से मौत होना शुरू हुई थी और जनवरी महीने तक लगातार यह सिलसिला जारी रहा था। इस दौरान करीब पांच हजार प्रवासी पक्षी बर्ड फ्लू का शिकार हो गए थे। हालांकि इस बार किसी भी प्रवासी पक्षी के मरने की कोई सूचना नहीं है। लेकिन वन्य प्राणी विंग ने एहतियात के तौर पर झील में चौकसी बढ़ा दी है। राहुल रोहाणे ने बताया कि इस बार आए पक्षियों की बीस मुख्य जातियों में बारहेडेड गीज 40073, कामन कूट 15234, नार्दर्न पिंटेल 7285, कामन टिल 5916, कामन पौचार्ड 4229, लिटल कर्मोनेंट 3763, रूडी शेल डक 1389, गड वाल 968, स्पाट बिल्ड डक 960, रशियन विजन 742, वार्न स्वेल्लो 559, नॉर्दन शावलर 469, कॉमन मूर हेन 420, ब्लैक हेडेड गुल्ल 387, ब्लैक विंग्ड स्टिल्ट 378, पर्पल मूर हैं 370, रिवर टर्न 341, रिवर लैप विंग 269, ग्रेट कर्मोनेंट 268 व लिटल ग्रेब 253 प्रवासी पक्षी पौंग झील में पहुंचे हैं।

रोहाणे ने बताया कि दुनिया की इस बेहतरीन वेटलैंड में पक्षियों की संख्या में हर साल रिकार्ड वृद्धि हो रही है। इसी बीच यह खुलासा होना चौकाने वाला है कि दस फीसदी मेहमान पक्षी ही पौंग झील में लौटकर आते हैं और बाकि दूसरे जलाशयों का रुख कर लेते हैं। जाहिर है कि दुनिया की सबसे सुंदर वेटलैंड में शुमार पौंग झील सेंट्रल एशिया के पक्षियों की पहली पसंद है। साइबेरिया, तिब्बत, मध्य एशिया से लेकर अफगानिस्तान तक के पक्षी सर्दियों में पौंग झील में आते हैं। विश्व के 60 फीसदी बारहेडिड गीज पहुंच रहे है। बर्फानी इलाकों से पौंग झील का रुख करने वाले गर्मियों के मौसम में यह मेहमान लद्दाख तथा साइबेरिया में रहते हैं। सेंट्रल एशिया के देशों में नवंबर माह से ठंड बढ़ जाती है।

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