यज्ञ का तात्पर्य त्याग, तपस्या, बलिदान एवं शुभ कर्म है: आचार्य राजिंद्र प्रसाद

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: हरपाल लाडा/जतिंदर प्रिंस। श्री नंद अन्नपूर्णा मंदिर चैरीटेबल सोसायटी एकता नगर में श्री रुद्रचंडी महायज्ञ दूसरे दिन में प्रवेश हो गया। इस मौके पर आचार्य राजिंद्र प्रसाद हरिद्वार वालों ने बताया कि यज्ञ का तात्पर्य है-त्याग बलिदान शुभ कर्म कुण्ड में अग्नि के माध्यम से देवता के निकट हवि पहुंचानी की प्रक्रिया को यज्ञ कहते है।

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यज्ञ कर्म कांड की विधि है जो परमात्मा द्वारा ही हृदय में संपन्न होती है जीव के अपने सत्य परिचय जो परमात्मा का अभिन्न ज्ञान और अनुभव है यज्ञ की पूर्णता है। रुद्र की दो लाख बीस हजार अहुतिया डाली जाएंगी और दुर्गा सप्तशती के 1008 पाठ किए जाएंगे। 10 दिन चलने वाले इस यज्ञ में निखिल अग्रवाल व रेनू अग्रवाल ने उपस्थित होकर हवन किया। इस मौके पर यज्ञ में विशाल वालिया, स्वीटी वालिया, मोनिका, हिमांशु शर्मा, समीर शर्मा, डिंक्की, पनिका, रघु अग्रवाल, जाहन्वी अग्रवाल, ईशा अग्रवाल, अरविंद अग्रवाल, सूरज शर्मा, अंजली शर्मा, सुरिंदर शर्मा लुधियाना, प्रवीण शर्मा पिरथीपुर (हिमाचल प्रदेश) मौजूद थे।

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