कपूरथला (द स्टैलर न्यूज़) रिपोर्ट: गौरव मढिय़ा। सरकार बदलने के बाद भी कपूरथला के सिविल अस्पताल की हलात नहीं बदले हैं। एक तरफ पंजाब सरकार की ओर से लोगों को बेहतर सेहत सुविधाएं देने के दावे किए जा रहे हैं, वहीं सरकारी अस्पताल स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं। कपूरथला के सिविल अस्पताल का भी सरकार की घोषणा के बावजूद कुछ ऐसा ही हाल है। जहां पर 4 मैडीकल अधिकारियों सहित अलग-अलग स्टाफ, क्लास फोर सहित 108 कर्मचारियों की पोस्टें खाली हैं। सिविल अस्पताल को अपग्रेड करने की सरकार द्वारा घोषणा की गई थी जोकि आज तक पूरी नहीं हो पाई है।
सिविल अस्पताल में 108 पद खाली, न ही अपग्रेड हुआ अस्पताल
बता दें कि पंजाब सरकार ने 2019 में गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर सिविल अस्पताल कपूरथला को 200 बैड से बढ़ाकर 500 बैड करने का वादा किया था। यह अस्पताल मैडीकल कॉलेज के साथ अटैच होना था लेकिन अभी तक मैडीकल कॉलेज की घोषणा भी कागजों में ही सिमटी हुई है। अभी तक कॉलेज का नींव पत्थर तक भी नहीं रखा गया।
सिविल अस्पताल में यह पोस्टें हैं खाली
क्लर्क एवं जूनियर असिस्टैंट की 7 पोस्टों में से & पोस्टें खाली है। क्लास फोर (डब्लयू.ए) की 49 पोस्टें है। इनमें &4 खाली हैं। सफाई सेवक की 24 पोस्टें हैं, जिनमें 19 पोस्टें खाली है। चौकीदार की & में से 2 पोस्टें, कुक की तीनों ही पोस्टें खाली है। सिक्योरिटी गार्ड की तीनों, क्लीनर व पलंबर और कारपेंटर की एक-एक पोस्ट है खाली है। डार्क रुम असिस्टैंंट की 1 पोस्ट है। वह भी खाली है। ईसीजी टैक की 1 पोस्ट है। वह भी खाली है। आडियो ट्राई टेक और मैट्रर्न की 1-1 पोस्ट है। वे भी खाली है। स्टॉफ नर्स की 48 पोस्टें है। इनमें 15 पोस्टें खाली हैं। अकाउंटेंट की 1 पोस्ट है। वह भी खाली है। एसएमएलटी की 7 पोस्टें है। इमने से & खाली हैं। चीफ फार्मासिस्ट ग्रेड-1 की 8 पोस्टें है। इनमें से & खाली है। फार्मासिस्ट की 5 पोस्टें है। इनमें 1 खाली है। ड्राइवर की 2 पोस्टें है। दोनों ही खाली है। ओटीए की 2 पोस्टें है। एक खाली है। डैंटल एचवाई और डैंटल मैक की 1-1 पोस्ट है। वे भी खाली है।
पीईएडी की 4 पोस्टें है। इनमें से & पोस्ट खाली है। एनएएस की 5 पोस्टें है। इनमें से 1 पोस्ट खाली है। मैडीकल अफसर (एमबीबीएस) की 10 पोस्टें है। इनमें से 4 पोस्टें काफी समय से खाली है। टाउन डिस्पेंसरी की 1 पोस्ट है। वह भी खाली है।
कर्मचारियों की कमी के कारण शुरू नहीं हो पाया आईसीयू वार्ड
सिविल अस्पताल में आईसीयू वार्ड तो बना है लेकिन स्टाफ की कमी से शुरू नहीं हो पाया। एसएमओ डॉ. संदीप धवन ने कहा कि वह हर माह सरकार के ध्यान में मामला लाते हैं कि खाली पदों पर कर्मचारियों और डॉक्टरों की कमी को जल्द पूरा किया जाए ताकि लोगों को और अधिक सेहत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सके। सिविल में 800 से 1000 तक ओपीडी आ रही है। स्टाफ के बढ़ाने से इसमें और बढ़ोतरी होगी।