जालंधर (द स्टैलर न्यूज़): जालंधर ज़िले में अनाथ और बेसहारा बच्चों के लिए चल रहे बाल घरों की रजिस्ट्रेशन जुवेनाईल जस्टिस एक्ट 2015 अधीन करवाना अनिर्वाय है। इस सम्बन्धित और ज्यादा जानकारी देते ज़िला बाल सुरक्षा अधिकारी अजय भारती ने बताया कि ज़िले में कोई भी ग़ैर सरकारी संस्था, जिसमें 0-18 साल के अनाथ, बेसहारा या दिव्यांग बच्चों के रहने, खाने -पीने और देख-रेख की सुविधा मुहैया करवाई जाती है, उनका जुवेनाईल जस्टिस एक्ट 2015 की धारा 41(1) अधीन रजिस्टर्ड होना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि यदि कोई ग़ैर -सरकारी संस्था बच्चों की देख रेख कर रही है और अब तक वह जुवेनाईल जस्टिस एक्ट 2015 अधीन रजिस्टर्ड नहीं है, वह अपने दस्तावेज़ 30 मई 2022 समय 5 बजे से पहले -पहले ज़िला प्रोगराम अधिकारी / ज़िला बाल सुरक्षा अधिकारी (7973846008) के दफ़्तर नज़दीक गांधी वनिता आश्रम, कपूरथला चौक, जालंधर में जमा करवा सकती है।
उन्होंने आगे बताया कि कोई भी बाल घर, जिसमें 0-18 साल के अनाथ, बेसहारा या दिव्यांग बच्चों के लिए कोई भी बाल घर, जो कि जुवेनाईल जस्टिस एक्ट 2015 की धारा 41(1) अधीन रजिस्टर्ड नहीं है, उन बाल घरों के प्रमुख और विभाग की तरफ से जुवेनाईल जस्टिस एक्ट 2015 की धारा 42 अनुसार कार्यवाही की जाएगी, जिसमें 1साल की सजा या 1लाख रुपए जुर्माना या दोनों ही हो सकते है।