होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। भारत विकास परिषद द्वारा राष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर पर एक समारोह प्रधान एवं प्रमुख समाज सेवक संजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में गोपाल मंदिर में आयोजित किया गया। जिसमें विशेष तौर पर रिटायर्ड प्रिंसीपल डी.के. शर्मा उपस्थित हुए। इस अवसर पर सर्वप्रथम प्रधान संजीव अरोड़ा ने अपने संबोधन में बताया कि हिंदी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है तथा 14 सितंबर 1919 को संविधान सभा ने यह निर्णय लिया कि हिंदी संघ सरकार की अधिकारित भाषा होगी क्योंकि भारत में अधिकत्तर क्षेत्रों में ज्यादातर हिंदी भाषा बोली जाती थी इस लिए हिंदी को राज भाषा बनाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि हिंदी कई भाषाओं को जोड़ती है, यह जन मन की भाषा है।
इसी निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने के लिए तथा हिंदी को प्रत्येक क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर प्रिंसीपल डी.के. शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदी शुद्ध उचारण करने के लिए हम चूंकते हैं तथा कई स्कूलों में अध्यापक जब हिंदी पढ़ाते है उनका जो उचारण होता है उसमें शुद्धता नहीं होती। हिंदी एक मीठी भाषा है जो देश को एक माला में परोकर देश को प्रकृति की तरफ आग्रसर करती है। उन्होंने हिंदी को एक विज्ञानिक भाषा बताया तथा बताया कि बहुत सारे हिंदी विदवान जैसे हरीश चंद्र, भगत कबीर, तुलसीदास जी, सूरदास जी, मीरा बाई, भगवान वाल्मीकि जी ने हिंदी में अपने रचनाएं लिखकर हमें एक उचित मार्गदर्शन दिया है।
इसके पश्चात रजिंदर मोदगिल सचिव ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदी को अपनाते हुए हमें अपनी प्रदेशक भाषा का भी सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदी को सम्मान दो अपने दिलों में स्थान दो। हमारी भाषा कैसी को हिंदी भाषा जैसी हो। हर भाषा का सम्मान करें पर हिंदी को प्यार करें। मोदगिल ने कहा कि हिंदी को 14 सितंबर 1949 को राजभाषा का दर्जा दिया गया, लिहाज़ा इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिंदी देश की पहली और विश्व की ऐसी तीसरी भाषा है, जिसे सबसे ज्यादा बोला जाता है। भारत में 70 फीसदी से भी ज्यादा लोग हिंदी बोलते हैं। इस अवसर पर तरसेम मोदगिल, रविंदर भाटिया, एच.के. नक्कड़ा, एन.के. गुप्ता, अमरजीत शर्मा, नवीन कोहली, दीपक मेहंदीरत्ता, विकास सिंगला, रमन बब्बर, पंडित सतीश मिश्रा, वरिंदरजीत सिंह आदि मौजूद थे।