’’पूना पैकट’’ साजिश के अधीन बहुजन समाज के साथ एक धोखा था- समाजिक संघर्ष पार्टी 

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़):समाजिक संघर्ष पार्टी पंजाब की ओर से फिलौर के एक कम्युनिटी हाल में ’’पूना पैकेट धिक्कार दिवस’’ के तौर पर मनाया गया। इस समागम में बहुजन समाज के नौजवानों, मर्द-औरतों तथा बच्चों ने भारी संख्या में भाग लिया। इस में हैरानीजनक तथा विशेष बात यह थी कि इसमें मर्दों के मुकाबले औरतें भारी संख्या में शामिल हुईं। इसमें हरविन्द्र कौर (राष्ट्रीय प्रधान) बतौर मुख्यातिथी विशेष तौर उपस्थित हुई। इसके इलावा इंजीनियर किशोर गुरू (इंचार्ज पंजाब तथा चंडीगढ़), सरपरस्त जसविन्दर सिंह, मास्टर महिन्दर सिंह हीर (प्रान्तीय अध्यक्ष), हरविन्दर सिंह प्रिंस (प्रान्तीय प्रधान यूथ विंग पंजाब), ज्ञान चन्द नैयर (समाज सेवी नेता),  नम्बरदार सुखविन्दर लाल (जि़ला प्रधान होशियारपुर ) सुखदेव सिंह लाखा (इन्चार्ज फिलौर), हरजिन्द्र सिंह कैहड़ा (लुधियाना), बचित्तर सिंह (अमृतसर), अशोक कुमार कुलथम (फगवाड़ा), देवराज संन्धु (फिलौर), हरमेश सिंह तथा जिन्दर कुमार, रवि कुमार, रविशरण फिलौरिया (मिशनरी गीतकार) तथा अन्य नेता शामिल हुये।  

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स्टेज सचिव की ड्यूटी नम्बरदार सुखविन्दर लाल ने बाखूबी निभाते हुये पूना पैकेट के बारे में विस्तार से बताया। स्टेज सचिव के अनुसार सुखदेव सिंह लाखा ने समागम में पहुंचे मेहमान हरविन्दर कौर (राष्ट्रीय प्रधान), अन्य नेताओं तथा पंडाल में पहुंची जनता का हार्दिक स्वागत किया तथा पूना पैकेट के बारे में भी अपने विचार दिये तथा गीत के द्वारा बहुजन समाज पार्टी को एकजुट होने का न्यौता दिया। सरपरस्त जसविन्दर सिंह ने अपने भाषण में बाबा साहिब डाक्टर भीम राव अम्बेडकर की ओर से अपने संघर्षों सदका गोलमेज कांफ्रेंस में शामिल होकर तर्क के आधार पर बरतानवी सरकार से अछूतों को हक लेकर दिये। पर महात्मा गांधी द्वारा एक साजिश के अधीन पूणे की जरवदा जेल में मरणव्रत का ढोंग रखकर तथा डाक्टर अम्बेडकर जी पर दवाब बनाकर हक वापिस करवाने के लिए पूणा पैकेट किया जिससे अछूत अपने हकों से वंचित कर दिये गये। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी को अपने हक लेने के लिए कुछ नुक्ते सांझे किये।

इंजीनियर किशोर गुरू जी ने भी पूणा पैकट को एक धोखा बताते हुये हकों की प्राप्ति के लिए अनुसूचित जाति , जनजाति, ओ.बी.सी. तथा धार्मिक कम गिनती को अपने अपने जाति स्वार्थ छोड़कर एक प्लेटफार्म पर इक्ट्ठे होकर संघर्ष करने का न्यौता दिया। राष्ट्रीय प्रधान हरविन्दर कौर ने अपने जोशिले भाषण में बहुजन समाज के घमंड को देखते हुये कहा कि अगर 1932 में बहुजन समाज में अनपढ़ता के कारण तथा जागृति न होने के कारण जत्थेबन्द न होने के कारण पूणा पैकट के समय डाक्टर अम्बेडकर जी बरतानवी सरकार से अछूतों के लिए हकों को महात्मा गाधी जी साजिश के कारण वापिस करने पड़े तो आज यह समाज पढ़ा लिखा, बुद्धिमान भी है और संगठित भी है तो फिर भी अपने अधिकारों की प्राप्ति के लिए पीछे क्यों है। श्रीमति ने यह भी कहा कि हमारी सारी टीम लगभग 40-45 साल से मिशन के मुताबिक हकों की प्राप्ति के लिए समाजिक क्षेत्र में पूरी तनदेही के साथ काम कर रही है पर जिन लीडरों को 1985 में राजनीति की चाबी सौंपी गई उन्होंने वो चाबी मनुवादी लीडरों को पकड़ा दी जिसके कारण आज समाज खुदगर्जी करके अपने हकों से वंचित ही नही किया बल्कि समाज बंटा हुआ है।

उन्होंने दावे के साथ कहा कि अगर बहुजन समाज के लीडर ईमानदार हो जायें तो हमारी मंजि़ल दूर नही है। इसलिए उनको अपने स्वार्थीपन की भूख को एक तरफ करना पड़ेगा। श्रीमति ने यह भी कहा कि ऐसे लीडरों की कामयाबी न होने के कारण हम समाजिक क्षेत्र में काम करने वालों को राजनीतिक क्षेत्र में आना पड़ा। यूथ विंग के प्रान्तीय प्रधान हरविन्दर सिंह प्रिंस ने अपने जज्बाती गीतों तथा शेयर के द्वारा पंजाब के नौजवानों को अपने हक छीनने के लिए जत्थेबंद होकर तीखा संघर्ष  करने का न्यौता दिया। श्री ज्ञान चन्द नैयर ने अपने भाषण में पूना पैकेट सम्बन्धी विस्तार के साथ जानकारी दी तथा शेयरों द्वारा बहुजन समाज पार्टी को अपने खोये हकों की प्राप्ति के लिए पूरी ताकत के साथ निःस्वार्थ होकर एकजुट होने का न्यौता दिया। अशोक कुमार कुलथम ने भी पूना पैकट को एक धोखा बताया तथा उन्होंने कहा कि पूना पैकट होने के बाद ही डाक्टर अम्बेडकर की ओर से मजबूरी में इस पैकट पर हस्ताक्षर किये जाने का जि़क्र किया तथा यह माना था कि आज अछूतों के  साथ बहुत बड़ा धोखा हो गया है। उन्होंने समाजिक संघर्ष पार्टी का तन-मन-धन के साथ, साथ देने के लिए जनता को अपील की।  

अन्त में प्रान्तीय प्रधान मास्टर महिन्दर सिंह हीर ने पूना पैकट को एक धोखा करार देते हुये महात्मा गांधी की ओर से अछूतों को मिले हकों से वंचित रखने को साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि इस पैकट के बाद चमचा युग हुआ जिस कारण इस समाज के नेता  दूसरी पार्टियों में जा कर अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए समाज के हकों की बात नही करते पर दूसरे समाज के हितों की पूर्ति के लिए अपने समाज के साथ धोखा करते हैं तथा लीडरों के तलवे चाट रहे हैं। श्री हीर ने कहा कि अगर हम देश की राज सत्ता अपने हाथ में लेने के बड़े सपने ले रहे है तो हमें जत्थेबन्द होकर रात की नींद तथा दिन के सुख-आराम को त्यागना होगा। अन्त में उन्होंने मुख्य मेहमान जी तथा बाकी लीडरों तथा जनता का धन्यवाद किया। 

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