पंजाब सरकार आम लोगों और किसानों की सरकार, सभी फ़ैसले लोक हित में करेंगे: कुलदीप धालीवाल

चंडीगढ़(द स्टैलर न्यूज़): ‘‘मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार आम लोगों एवं किसानों की सरकार है और हमारी सरकार सभी फ़ैसले लोक हित में ही करती आ रही है और भविष्य में भी करती रहेगी।’’ यह जानकारी देते हुए पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा है कि पंजाब सरकार किसी भी किसान का नुकसान नहीं होने देगी। स. धालीवाल ने केंद्र सरकार द्वारा राज्य के किसानों को पराली जलाने के लिए जारी रैड नोटिस मामले को वापस लेने के हुक्म जारी कर दिए हैं और इस सम्बन्धी नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय संस्थान राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन.जी.टी.) की हिदायतों पर 4 अक्तूबर, 2022 को जारी किए गए पत्र में पराली (पैडी स्टबल) जलाने के मामले में सम्बन्धित ज़मीन के राजस्व रिकॉर्ड के खसरा नंबर के विरुद्ध लाल इंदराज करने आदि हुक्मों को वापस ले लिया गया है। इस सम्बन्धी सम्बन्धित समूह अधिकारियों को हिदायतें जारी कर दी गई हैं। स. धालीवाल ने बताया कि ज़मीनों के रिकॉर्ड में लाल इंदराज होना राज्य के किसानों के हित में नहीं। उन्होंने कहा की लाल इंदराज होने से किसान लोन, सरकारी सुविधाएँ और सब्सिडियाँ आदि लेने से वंचित हो जाता है।

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कृषि मंत्री ने किसानों को पराली के प्रबंधन के लिए वैकल्पिक तरीके अपनाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि आज के दौर में पराली या अन्य फसलों के अवशेष को जलाने के बाद होने वाले नुकसान से बचने के उपायों के सम्मुख बेहतर ढंग अपनाने की कोशिशों में सरकार का साथ देना अति-आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में पर्यावरण प्रदूषण एक बड़ी वैश्विक समस्या है और इस सम्बन्धी अनिवार्य रूप से कदम उठाने की ज़रूरत है। कैबिनेट मंत्री ने पराली के प्रबंधन के वैकल्पिक तरीकों संबंधी बात करते हुए आगे कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने पूसा नामक बायो-एन्जाइम के रूप में पराली जलाने के लिए एक रेडिकल समाधान तैयार किया है। उन्होंने कहा कि जब छिडक़ाव किया जाता है, तो यह एन्जाइम 20-25 दिनों में पराली को नष्ट कर देता है और इसको खाद में बदलता है, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता में और अधिक सुधार आता है। उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से पराली जलाने की चली आ रही प्रथा, जिसमें अगली फ़सल बीजने से पहले खेतों को साफ़ करने के लिए पराली को आग लगाई जाती है, को वैकल्पिक तरीके अपनाकर ख़त्म करना समय की ज़रूरत है।  

कृषि मंत्री ने आगे कहा कि पंजाब सरकार पहले ही इस सम्बन्धी गंभीर है और चालू वर्ष में अब तक किसानों को पराली के प्रबंधन के लिए 19,393 मशीनें सब्सिडी पर दी जा चुकी हैं, जबकि पिछले चार सालों के दौरान किसानों को 90,433 मशीनें दी गई थीं। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों के पास कुल 1,09,815 मशीनें उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि 26 नवंबर, 2022 की सैटेलाइट जानकारी के अनुसार साल 2020, 2021 और 2022 के दौरान 15 सितम्बर से 26 नवंबर तक क्रमवार 76619, 71122 और 49876 आदि आग लगाने के मामले दर्ज किए गए हैं, जोकि पिछले साल की अपेक्षा 30 प्रतिशत कम हैं। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार किसानों को पराली प्रबंधन पर आने वाले खर्च के बराबर सहायता दे तो इस समस्या से स्थायी तौर पर निजात पाना संभव हो सकेगा।  

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