उदासीन विभाग: धूआं-धूआं उड़ रहे ट्रैफिक और प्रदूषण नियंत्रण नियम

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होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: समीर सैनी। एक तरफ जहां प्रदूषण के कारण सांस लेना दूभर बनता जा रहा है और प्रदूषण कंट्रोल को लेकर सरकारों के साथ-साथ समाज सेवी संस्थाएं व पर्यावरविद लोगों को जागरुक करने हेतु तरह-तरह के कदम उठा रहे हैं वहीं होशियारपुर के भरवाई रोड पर दौड़ते कई  वाहनों से निकलने वाले धूएं से पैदा होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए शायद ही किसी ने सख्त कदम उठाने जरुरी समझें हों।

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इसके चलते जहां ये वाहन वायु प्रदूषण फैला रहे हैं वहीं बिना रिफ्लैक्टर और हैड व ब्रेक लाइटों के दौड़ते यह सवारियां ढोने वाले वाहन अपनी व सवारियों की जान के साथ-साथ सडक़ पर चलने वाले अन्य लोगों की जान के लिए भी खतरा बने हुए हैं। आलम यह है कि सर्दी के कारण धुंध आदि पडऩे के चलते सडक़ों पर पहले ही विजीविलिटी कम हो जाती है और ऊपर से धुआं छोड़ते हुए बिना लाइटों व रिफ्लैक्टर के दौड़ते यह वाहन हादसों को खुला आमंत्रण देने के लिए काफी हैं। ऐसे वाहनों के कारण अगर कोई हादसा हो जाता है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी इस सवाल का जवाह शायद किसी के पास नहीं होगा, क्योंकि ट्रैफिक पुलिस को चालान काटने से फुर्सत नहीं और प्रदूषण विभाग नोटिस एवं पत्र जारी करके अपने फर्ज की इतिश्री करने में लगा है।

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जिससे सरकार व समाज सेवी संस्थाओं के प्रयास पूरी तरह से सार्थक नहीं हो पा रहे हैं, क्योंकि जिन अधिकारियों पर इन नियमों को लागू करवाने का जिम्मा है वह अपनी जिम्मेदारी एक दूसरे पर डालने में इतने परिपक्व हो चुके हैं कि उनके पास हर सवाल का घड़ा-घड़ाया जवाब पहले ही तैयार मिलता है और वह कि कार्रवाई की जाएगी और नोटिस निकाला जाएगा। मगर सच्चाई यह है कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर जहां प्रदूषण विभाग की उदासीनता किसी से छिपी नहीं है वहीं ट्रैफिक पुलिस भी चालान काटकर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री करने में लगी है। जिसका उदाहरण अकसर चौक चौराहों पर खड़े ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को देखकर आसानी से मिल जाती है। दिल्ली और पंजाब सहित अन्य राज्यों में प्रदूषण चाहे वह वाहनों के धुएं से हो या फिर पराली आदि से धुएं से सांस, एलर्जी एवं अन्य रोगों का लोग शिकार हो रहे हैं तथा प्रदूषण एवं धुंध के कारण होने वाले हादसों से बचने की अपील की जा रही है। मगर शाम के समय नियमों को ठेगां दिखाकर दौडऩे वाले वाहनों को भी रोकने की जरुरत है ताकि कोई भी किसी तरह के हादसे का शिकार न हो।

इस संबंध में बात करने पर प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारी अशोक गर्ग ने कहा कि वाहनों की चेकिंग उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण एवं ऐसे वाहनों पर कार्रवाई हेतु वह पुलिस विभाग को लिखेंगे।

दूसरी तरफ उक्त गंभीर मामला ट्रैफिक पुलिस इंचार्ज इंस्पैक्टर तलविंदर कुमार के ध्यान में लाए जाने पर उन्होंने कहा कि वे इसकी जांच करवाएंगे और बिना लाइटों एवं रिफ्लैक्टर के दौडऩे वाले वाहन चालकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने वाहन चालकों से “द स्टैलर न्यूज़” के माध्यम से अपील की कि वह अपनी एवं दूसरों की जान-माल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रैफिक नियमों का पालन करें।

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