गगरेट (द स्टैलर न्यूज़)। मंगलवार को अपनी पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए युवा कल्याण बोर्ड के पूर्व निदेशक देवीलाल ने आरटीओ बैरियर आशा देवी- गगरेट के कर्मचारियों द्वारा जनता को तंग करने का आरोप लगाया। कहां, जो जनता की मदद करना चाहता है उसे बदनाम करने का षड्यंत्र रचते हैं ताकि दोबारा से इन द्वारा किए जा रहे बेनामी कार्य को कोई रोक ना सके। देवीलाल ने कहा कि सभी जानते हैं कि आरटीओ बैरियर आशा देवी के पास नेटवर्क की बहुत प्रॉब्लम है, जिस कारण इनस बात करना बहुत मुश्किल होती है। इस नेटवर्क संबंधी समस्या को के कारण वाहा के कर्मचारी अपनी मनमर्जी पर उतारू हो चुके हैं।
अपने पद की धौंस दिखाकर गुंडा टैक्स वसूल कर रहे हैं, शायद इन कर्मचारियों के दिमाग में गलतफहमी आ गई है कि हिमाचल सरकार कुछ दिनों की मेहमान है हमें पूछने वाला कहने वाला कोई नहीं है और यह कर्मचारी काम करने की बजाय भ्रष्टाचार और राजनीति का अड्डा बना कर बैठे हुए देवीलाल ने पूछा क्या कारण थे कि 8 माह पहले भाजपा की सरकार के दौरान राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (विजिलेंस) ने शिकंजा कसा, और डीएसपी विजिलेंस अनिल मेहता की अगुवाई में जब आरटीओ बेरियल में दबिश की तब विजिलेंस टीम को कर्मचारी के कमरे से 1.95 लाख रुपये नकदी मिली थी। बिजनेस का छापा क्यों पड़ा था आटीयो बैरियर इस छापे के दौरान 1लाख 95 हजार रुपए जप्त किए थे और डायरी बरामद हुई थी जिसमें बड़े नेताओं के लेनदेन के बारे में लिखा गया था।
बिजनेस द्वारा और राजनीति आकाओं को खुश करने के चलते तब कर्मचारियों पर मामला दर्ज भी नहीं हुआ था और इस मामले को रफा-दफा कर दिया गया था और इससे पहले भाजपा के नेता रात को नकली आरटीओ बनकर ट्रकों से पैसे एठते रहे हैं और इस मामले को भी रफा-दफा कर दिया गया और देवीलाल ने हिमाचल सरकार से मांग की है कि जिन कर्मचारियों ने सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए जो वीडियो रिकॉर्डिंग जारी की गई है। उनके मोबाइल फोनों की कॉल डिटेल व्हाट्सएप चैटिंग और उनकी चल अचल संपत्ति का पूरा व्यौरा ले जिससे मालूम पड़ेगा कि किनके इशारे पर यह लोग कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि समय रहते सुधर जाओ नहीं तो अंजाम बहुत बुरा होगा और इस सारे प्रकरण को लेकर सरकार को उच्च स्तरीय जांच करनी चाहिए ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो।