हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: रजनीश शर्मा। हमीरपुर से मंडी बन रहे ग्रीन एनएच के काम को देख लोगों की जुबान पर अक्सर अब यह सुनने को मिल रहा है कि यह कैसा विकास हो रहा है। तपती मई में लोग पीने के पानी को तरस रहे है क्योंकि निर्माण कंपनी टूटी पाइपें जोडऩे में दिलचस्पी ही नहीं दिखा रही है। तपती मई में कोट से पंजोत तक लोगों की पीने की पानी की दिक्कतें बढ़ गई है। चार चार दिन से नलों में पानी नहीं आ रहा है। लोग कई माह से स्टोर किया हुआ पानी पीने को मजबूर हैं। निर्माण कंपनी द्वारा टौणीदेवी कस्बे के नजदीकी गावों मे जेसीबी द्वारा कटिंग करवाई गई है। जिससे पानी की पाइपें टूट चुकी है और लोगों को चार पांच दिनों से पीने का पानी नहीं मिल रहा है। लोग बेहाल और हताश हो चुके हैं। लोगों को पीने के पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। लोगों को मवेशियों के लिए पानी उपलब्ध करवाना भी एक चुनौती बन गया है।
दरकोटी, बारीं मंदिर गाहरा,गब्बा, ठाना दरोगन आदि गांव के लोगों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पानी की आपूर्ति नहीं होने के कारण लोगों को प्राचीन और प्राकृतिक स्रोतों खात्रीओं और बावडियों की ओर रुख करना पड़ रहा है। इन प्राचीन प्राकृतिक स्रोतों कि पिछले एक लंबे अरसे से साफ सफाई नहीं हो पाई है और पानी मटमैला है। जिससे लोगों की सेहत को नुकसान होने का अंदेशा है और एक महामारी भी इस दौरान अपने पैर पसर सकती है। महिला मंडल की पूर्व प्रधान तृपता शर्मा, विनोद, पूर्व प्रधान देस राज चौहान, बबिता चौहान, सरवन चौहान ने बताया कि लोगों के घरों में पानी की सप्लाई नहीं पहुंच रही है। उन्होंने बताया कि कई बार कंपनी के कर्मचारियों को इस बारे बता चुके हैं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है और कंपनी अपनी मनमर्जी से कार्य कर रही है।
इस बारे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के साइट इंजीनियर सुशील कुमार ने बताया कि निर्माण कार्य से लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए, ऐसा निर्देश कंपनी को पहले दिए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य में तेजी पकड़ ली है जिस वजह से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। फिर भी कंपनी के अधिकारियों को इस समस्या का तुरंत निदान करने भारी आदेश जारी किए जाएंगे