होशियारपुर, (द स्टैलर न्यूज़)। प्रभु राम लाल जी महाराज, स्वामी मुलखराज जी महाराज तथा सदगुरुदेव चमन लाल जी महाराज की अनुकंपा से योग साधन आश्रम डिगाना रोड पर मनाए जा रहे चार दिवसीय व्यास पूजा महोत्सव के दूसरे दिन भक्तों का मार्गदर्शन करते हुए आश्रम के आचार्य चंद्र मोहन जी ने कहा कि व्यास पूजा का पर्व हम सबके लिए अति महत्वपूर्ण पर्व है | सद्गुरु हमें समय-समय पर संसार की बुराइयों से बचाते हैं और जीवन दान देते रहते हैं | हम किसी भी तरह उनका आभार व्यक्त नहीं कर सकते | हम लोग धन्य है कि हम उनके सानिध्य को प्राप्त कर सके हैं | गुरु के चरणों की धूल जब हम अपने मस्तक पर लगाते हैं तो इससे ही कई भक्ति के मार्ग खुल जाते हैं |
उन्होंने कहा कि हमें एक निष्ठ भक्ति करनी चाहिए | लेकिन हम कभी किसी स्थान पर और कभी किसी तीर्थ पर निकल जाते हैं | जबकि गुरु महाराज कहते हैं कि गुरु के चरणों में ही सारे तीर्थ होते हैं | इधर उधर भटकने से कुछ भी प्राप्त नहीं होता | जबकि हम किसी भी स्थान पर ज्ञान प्राप्त करने के लिए जाते हैं ताकि हमारे जीवन में कुछ बदलाव आए | उन्होंने कहा कि योगाचार्य चमन लाल जी महाराज ने 60 वर्ष तक होशियारपुर के आश्रम में योग के साथ-साथ ज्ञान की गंगा प्रवाहित की | ना जाने कितने लोगों का उद्धार किया | हमें अपना शिष्य बनाकर हमें ज्ञान के साथ जोड़ा | उन्होंने कहा कि हम सबका लक्ष्य मोक्ष प्राप्त करना है | कम से कम हम इतना तो जरूर करें कि हमें स्वर्ग प्राप्त हो |
इसके लिए हमें काम क्रोध लोभ से बचना होगा जो की नरक ले जाने का द्वार है | उन्होंने कहा कि यह हमारे अंदर पनपते हैं | हमें सोच विचार करना होगा कि कहीं जे शत्रु हमारे ऊपर हावी तो नहीं हो रहे | अगर हमें जवाब हां मे मिले तो इनको रोकने के लिए प्रयास करना होगा | गुरु के चरणों में जाकर बार-बार उनसे गुहार लगानी होगी | उन्होंने कहा कि हमारे अंदर ही पांच शत्रु बैठे हैं | उन्होंने कहा कि हमारे नेत्र जो तस्वीर देखते हैं वह हमारे मन को भेजते हैं |वही स्वरूप हमारे चित पर अंकित हो जाता है |जो जन्मों तक चलता है | फिर वह संस्कार बन जाते हैं | अगर हम सत्संग में भी जाते हैं तो बाहरी दुनिया में खोए रहते हैं | अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं | काम इच्छाओं की पूर्ति ना होने पर क्रोध पैदा होता है जो बुद्धि को नष्ट कर देता है |