बेहाल भाजपाः हार मैनेजमैंट से फिर उड़ रही खिल्ली, पहले बंटवाए, फिर पहनवाए, दिखावे के चक्कर में हो गई जगहंसाई

भाजपा के कुछेक नेताओं का हाल देखकर एक बात तो समझ आ जाती है कि इससे जुड़े अधिकतर नेता मैनेजमैंट के बड़ी धनी हैं और अपनी बढ़त और चढ़त दिखाने के लिए एसे-एसे हथकंडे अपनाते हैं कि देखने वालों के भी होश उड़ जाएं और विरोधी तो यह सोचने को विवश हो जाएं कि आखिर यह आइडिया उन्हें क्यों नहीं आया। इतना ही नहीं भाजपा नेताओं की हार मैनेजमैंट के चर्चे आज शहर में खूब हो रहे हैं। अर्थात जबरदस्ती का स्वागत करवाना और गले में पुष्प मालाएं यानि हाल डलवाने की इनकी कला का एक नमूला पिछले कल उस समय देखने को मिला जब लोकसभा हलका होशियारपुर से भाजपा की उम्मीदवार अनीता सोम प्रकाश द्वारा नामांकन पत्र भरने दौरान रोड शो निकाला जाना था और उसकी तैयारियों में लगे नेता एवं कार्यकर्ता अपने आका के इशारे पर शो से पहले अपने जानकार दुकानदारों एवं आम लोगों को फूलों की मालाएं बांटते हुए दिखे, ताकि जब अनीता सोम प्रकाश आएं तो उनका स्वागत हो सके और संबंधित नेता की वाहवाही कि उनके शहर में उनका जोरदार स्वागत हुआ।

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फूल मालाएं बांटते भाजपाईयों को देख लोग खूब चुटकियां ले रहे थे कि यह भी अच्छा है कि कोई स्वागत करने को तैयार न भी हो तो भी जबरदस्ती करवाओ। अधिकतर शहर निवासी भी मुंह मुलायजा रखने के लिए हार स्वीकार कर लेते हैं और जब उम्मीदवार आए तो उसके स्वागत में उसे पहना देते हैं। भाजपा की इस मैनेजमैंट ने राजनीतिक गलियारों में जहां नई चर्चा को जन्म दे दिया है वहीं लोगों का कहना है कि जब इनको पता है कि स्थिति क्या है तो उसे कंट्रोल करने के स्थान पर इस प्रकार के हथकंडे क्यों अपनाए जा रहे हैं। पिछले सांसद को लोगों के रोष का सामना करना पड़ रहा है तो फिर इन्हें जनता के रोष को दूर करने के उपाये करने चाहिए न कि हार बंटवाकर अपनी वाहवाही लूट कर नई चर्चाओं को जन्म देना चाहिए।

पार्टी सूत्रों के अनुसार रोड शो में हलके से जुड़े कई भाजपा नेता नदारद रहे और कईयों को तो साथ चलने का न्यौता तक नहीं दिया गया था। खैर इससे हमें क्या हम तो भाजपा नेताओं की हार मैनेजमैंट से प्रभावित हैं। वैसे भी मोदी जी हैं न, यह कुछ भी करें या न करें। लेकिन इतना जरुर है कि हार मैनेजमैंट जैसे फंडे अपनाकर हंसी के पात्र तो न बनें। अगर जनता को नेता पसंद होगा तो वह घरों एवं दुकानों से खुद निकलकर उनका स्वागत कर ही लेगी। भाजपा के भीतर कुछ लोग जहां अपना अस्तित्व साबित करने में लगे हैं वहीं कुछेक की अनदेखी का नुकसान उम्मीदवार को होगा शायद इसे लेकर टकसाली नेता एवं कार्यकर्ताओं का मन बुरी तरह से दुखी है, पर उन्हें समझने वाला इस विकट स्थिति में शायद कोई नहीं। हम भी किन बातों में पड़ गए, हमें क्या। मुझे दें इजाजत। जय राम जी की।

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