हर गर्भावस्था विशेष होती है और हर गर्भवती महिला को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है: डा. अनिता कटारिया

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। सिविल सर्जन डॉ. बलविंदर कुमार डमाणा के दिशा-निर्देशानुसार जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. अनिता कटारिया की अध्यक्षता में सिविल सर्जन कार्यालय के जिला प्रशिक्षण केंद्र में “प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान” विषय पर जिला स्तरीय ओरिएंटेशन वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जिसमें सिविल अस्पताल होशियारपुर से स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मंजरी अरोड़ा, सीएचसी शाम चौरासी से मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉ. गुरप्रीत सिंह, डिप्टी मास मीडिया ऑफिसर डॉ. तृप्ता देवी, डिप्टी मास मीडिया ऑफिसर रमनदीप कौर, डीएमईओ अनुराधा ठाकुर, शहर के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों से एलएचवी, एएनएम और आशा कार्यकर्ता शामिल हुईं।

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कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए डॉ. अनिता कटारिया ने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान भारत सरकार द्वारा 2016 में शुरू किया गया एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। इसका मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान उचित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है ताकि मां और बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। पंजाब में भी यह कार्यक्रम बहुत अच्छे से लागू किया गया है। इसके तहत हर महीने की 9 और 23 तारीख को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा गर्भवती महिलाओं की विशेष जांच की जाती है। गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क स्वास्थ्य जांच, लैबोरेट्री परीक्षण और परामर्श प्रदान किया जाता है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हर गर्भवती महिला का विशेष ख्याल रखना है ताकि उनका मातृत्व सुरक्षित रहे और वह एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दें। डॉ. मंजरी अरोड़ा ने बताया कि पीएमएसएमए के तहत गर्भवती महिलाओं की विशेष जांच कर खून की जांच, बीपी की जांच, ब्लड शुगर की जांच और अल्ट्रासाउंड नि:शुल्क किया जाता है। इन सेवाओं से महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान संभावित समस्याओं की शीघ्र जानकारी मिल जाती है और उनका उपचार भी संभव हो जाता है। उन्होंने गर्भावस्था के दौरान खतरे के संकेतों के बारे में भी विस्तार से चर्चा की ताकि समय रहते उनकी पहचान कर मातृ मृत्यु को रोका जा सके।

डॉ. गुरप्रीत सिंह ने गर्भावस्था के दौरान लिए जाने वाले पौष्टिक आहार के महत्व के बारे में जानकारी दी। माँ और बच्चे के स्वास्थ्य देखभाल के लिए पौष्टिक भोजन बहुत महत्वपूर्ण है। इस अभियान के तहत महिलाओं को पौष्टिक भोजन की एक सूची भी दी जाती है जिसमें फल, सब्जियां, दालें आदि शामिल हैं। जांच के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य विभाग की ओर से पौष्टिक आहार भी दिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि कभी-कभी आहार से रक्त पर्याप्त नहीं होता है, ऐसी स्थिति में निकटतम स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करना चाहिए ताकि रक्त की पूर्ति के लिए इंजेक्शन या रक्त आधान किया जा सके। डिप्टी मास मीडिया अधिकारी डॉ. तृप्ता देवी ने कहा कि गर्भवती महिलाओं का शीघ्र पंजीकरण, समय पर टीकाकरण, कम से कम चार एएनसी जांच और उच्च जोखिम गर्भावस्था की लाइन लिस्टिंग और दो अतिरिक्त जांच सुनिश्चित की जानी चाहिए। सबसे पहले उसका मातृत्व प्लान तैयार करना चाहिए ताकि प्रसव के दौरान कोई कठिनाई न हो और मातृ मृत्यु के खतरे को भी रोका जा सके।

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