होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू), लुधियाना के जिला स्तरीय विस्तार संस्थान, कृषि विज्ञान केंद्र, बाहोवाल, होशियारपुर ने बायर कंपनी के सहयोग से बीते दिन गांव टोडरपुर में धान की सीधी बुवाई पर खेत दिवस का आयोजन किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में प्रगतिशील किसान उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत में कृषि विज्ञान केंद्र, होशियारपुर के सहयोगी निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. मनिंदर सिंह बौंस ने किसानों का स्वागत किया और उन्हें पानी के गिरते स्तर को बचाने के लिए धान की सीधी बुवाई तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को इस विधि के बारे में जागरूक करना और उन्हें प्रत्यक्ष रूप से सीधी बुवाई किए गए खेतों की कार्यप्रणाली से रूबरू कराना है। इस वर्ष टोडरपुर और इसके आसपास के गांवों, पंजार और पंडोरी गंगा सिंह के किसानों ने 150 एकड़ भूमि पर इस विधि को अपनाया है, जिसकी सराहना की गई।
डा. अजायब सिंह, सहायक प्रोफेसर (कृषि इंजीनियरिंग) ने किसानों को सीधी बुवाई तकनीक के लाभ, खादों की उपयोगिता और जल प्रबंधन पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह विधि न केवल पानी की बचत करती है बल्कि उत्पादन में भी वृद्धि करती है। साथ ही, डा. अजयब ने प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पानी के समुचित उपयोग पर भी बल दिया। उन्होंने पराली प्रबंधन के बारे में भी तकनीकी जानकारी साझा की। डा. परमिंदर सिंह, सहायक प्रोफेसर (पशु विज्ञान) और डा. कर्मवीर सिंह गरचा, सहायक प्रोफेसर (सब्जी विज्ञान) ने पशुओं की देखभाल और घरेलू बागवानी के बारे में भी किसानों को विस्तृत जानकारी दी। बायर कंपनी के अधिकारियों रोहित मोंगा, रोमित सिंह व सतनाम सिंह ने पीएयू द्वारा अनुशंसित खरपतवार नाशकों के माध्यम से धान में खरपतवार प्रबंधन पर भी जानकारी साझा की। गांव पंजौड़ के प्रगतिशील किसान कुलबीर सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होंने पिछले साल लेबर की कमी के दौरान सीधी बुवाई तकनीक को अपनाया और इस साल 10 एकड़ भूमि पर इसे अपनाया है। उन्होंने अन्य किसानों को भी पानी की बचत के लिए इस तकनीक को अपनाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के अंत में किसानों को सब्जियों के बीज की किटें, पशुओं के लिए आवश्यक पूरक आहार और कृषि साहित्य भी उपलब्ध कराया गया।