जिला टूर्नामैंटः पहले मंत्री तो बाद में जिलाधीश के इंतजार में बैठे रहे बच्चे, करीब 2 घंटे देरी से शुरु हुए मुकाबले

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), संदीप डोगरा। प्राइमरी स्कूलों के जिला स्तरीय खेल मुकाबलों की आज सुबह करीब साढे 10 बजे आउटडोर स्टेडियम होशियारपुर में शुरुआत होनी थी। अलग-अलग ब्लाकों में पड़ते स्कूलों के बच्चे करीब एक घंटा पहले ही खेल मैदान में अपने अध्यापकों एवं खेल इंचार्जों के साथ पहुंच गए थे। खेलों की शुरुआत को लेकर बच्चे इतने उत्साहित थे कि उनके चेहरे खेल में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए खिले-खिले दिखे तथा उन्हें इतनी उत्सुकता थी कि खेल कब शुरु होंगे।

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लेकिन समय पर खेल मुकाबले शुरु होने की उनकी खुशी तथा उनका सारा उत्साह भी धूमिल होता दिखा जब पता चला कि मुख्य मेहमान जोकि कैबिनेट मंत्री डा. रवजोत सिंह थे नहीं आ रहे तथा उसके बाद कहा जाने लगा कि जिलाधीश कोमल मित्तल आ रहे हैं, लेकिन काफी इंतजार के बाद जब वह भी नहीं आए तो बच्चों में फैले मायूसी के आलम को देखते हुए कई अध्यापकों ने इस पर आपत्ति जतानी शुरु कर दी कि अगर कोई नहीं आ रहा तो कम से कम खेल मुकाबले तो शुरु करवाए जाएं, जब कोई वीआईपी आ जाएगा तो उनका स्वागत पूरे सम्मान के साथ कर दिया जाएगा। लेकिन बच्चों को इस प्रकार धूप में बैठाकर उनका मनोबल तो न कम किया जाए। काफी कशमकश के बाद आयोजकों एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने खेल शुरु करवाने की अनुमति दी और जिला शिक्षा अधिकारी एलीमैंट्री हरजिंदर सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि खेल मुकाबले शुरु करवाए। करीब 2 घंटे की जदोजहद एवं इंतजार के बाद खेल मुकाबले शुरु होने से स्कूल में समय की पाबंदी एवं अनुशासन जैसे पाठ पढाए जाने जैसी शिक्षाएं भी सवालों के घेरे में आ गईं। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार अधिकारियों को पता था कि न मंत्री आएंगे और न ही कोई और वीआईपी, लेकिन उनके स्वागत के लिए पुष्प मालाएं एवं गुलदस्ते आदि का प्रबंध पूरे जोरशोर से किया गया था। चर्चा है कि अगर किसी ने नहीं आना था तो पहले ही बता देते ताकि बच्चों को इतना इंतजार न करना पड़ता तथा यहां अधिकारियों को भी चाहिए था कि अनुशासन का पाठ बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ वे भी इस पर अमल कर लेते तो बच्चों में एक अच्छा संदेश जाता कि समय की पाबंदी और अनुशासन का जीवन में कितना महत्व है।

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