बांटकर खाने की आदत डाल ली होती तो यह मजाक न उड़ता: लक्ष्मीकांता चावला 

हिमाचल प्रदेश (द स्टैलर न्यूज़)। तीन दिन से लगातार यह समाचार मिल रहा है कि पांच तारा होटल से तैयार होकर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के लिए जो समोसे और केक शिमला प्रशासन ने मंगवाए थे वह किसी गलती से उनके स्टाफ को खिला दिए गए। वैसे तो यह समझना चाहिए कि जो हमारे धार्मिक ग्रंथों में कहते हैं कि जिस अन्न के दाने में जिसका नाम लिखा है वही खा सकता है। यह यह उनके लिए ही बने थे, पर मुख्यमंत्री जी का बड़प्पन तभी प्रकट होता अगर वह खुले मन से कहते कि सुरक्षा कर्मियों को खिलाए बिना वह खा ही नहीं सकते।

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वैसे भी जो मुखिया है वह अकेला कैसे खाएगा, यह हम लोग समझ नहीं सकते। सीआईडी की इंक्वारी या कुछ अफसरों को सस्पेंड करना बहुत अफसोस की बात है। अच्छा हो मुख्यमंत्री जी अब यह आदेश दे दें कि जो भी उनके लिए प्रवास के मध्य प्रशासन द्वारा जलपान का प्रबंध किया जाए वह उनके सुरक्षा कर्मियों तथा दूसरे स्टाफ के लिए भी वैसे ही किया जाए। इससे तो मुख्यमंत्री जी की शोभा बढ़ेगी। मुखिया अकेला खा ले तो वह मुखिया कैसे कहा जा सकता है।

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