-हत्या कार में करने के बाद शव को फेंका था खाई में
-आरोपियों ने भाई की हत्या का बदला लेने की नीयत से रचि थी साजिश
होशियारपुर, 19 अगस्त (संदीप डोगरा): हाई प्रोफाइल बन चुके सुखदेव भट्टी हत्या प्रकरण में आखिरकार पुलिस ने दो कथित हत्यारों को पकड़कर राहत की सांस ली है। दोनों आरोपी मृतक भट्टी के करीबी थे और हत्या अपने भाई की हत्या के बदले में की गई थी। इस संबंधी जानकारी देते हुए जिला पुलिस प्रमुख धनप्रीत कौर ने बताया कि 15 अगस्त को पुलिस ने एक सूचना के बाद होशियारपुर-हिमाचल की सीमा से सटे गांव बनखंडी से एक खाई से शव बरामद किया था। प्राथमिक जांच के दौरान पाया गया कि हत्या करने के बाद शव को यहां फेंका गया है। इसके बाद उक्त शव की पहचान सुखदेव भट्टी उर्फ के.के. भट्टी के तौर पर की गई। पीडि़त परिवार की शिकायत पर सात लोगों को नामजद कर मामले की जांच शुरू की थी। मामले की गहनता से जांचने के लिए एस.पी. (डी) बलजीत सिंह ढिल्लों के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। जिसमें डी.एस.पी. सुखअमृत सिंह व समीर वर्मा तथा थाना सदर के प्रभारी लखबीर सिंह और सी.आई.ए. स्टाफ के प्रभारी ओंकार सिंह बराड़ को शामिल किया गया। पुलिस ने बहुत ही आधुनिक तकनीक से केस की जांच करने के बाद भट्टी के करीबी दोस्त रोहित कुमार उर्फ आंडा निवासी राम कोलानी कैंप तथा परमजीत लाल उर्फ पम्मा निवासी नारू नंगल को काबू किया। एस.एस.पी. ने बताया कि पुलिस ने पूछताछ के दौरान आरोपियों से घटना के समय प्रयोग की गई अवैध पिस्तौल, पांच जीवित कारतूस तथा कार को बरामद कर लिया। इस दौरान दोनों आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने 9 अगस्त को भट्टी को उस समय अपने साथ लिया जब वह फगवाड़ा से होशियारपुर बस द्वारा आ रहा था। उन्होंने भट्टी को राजपुर भाईयां के निकट से अपनी कार में बैठाने के बाद चक्क साधू की तरफ चल पड़े। क्योंकि भट्टी के खिलाफ विभिन्न आपराधिक मामले दर्ज थे और वह पुलिस गिरफ्तारी से बचना चाहता था इसी के चलते वह उक्त दोनों के झाांसे में आकर उनके साथ कार में चल पड़ा। कार को परमजीत सिंह चला रहा था, जबकि रोहित कार के पीछे बैठा था। योजना के मुताबिक कार को रास्ते में रोका गया तथा इससे पहले की भट्टी कुछ समझा पाता रोहित ने अपनी पिस्तौल से भट्टी के सिर मेंगोली मार दी। जिस कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई। शव को खुर्द बुर्द करने की नीयत से उक्त स्थान पर फेंका गया जहां लोगों का आना जाना बहुत ही कम था। एक सवाल के जवाब में एस.एस.पी. धनप्रीत कौर ने बताया कि आरोपी रोहित कुमार के भाई रघुकुलजी का शव वर्ष 2013 में बूथगढ़ के चो से मिला था जिसके संबंध में हत्या का मामला दर्ज किया हुआ है। लेकिन केस हल न होने के कारण रोहित को आशंका थी कि सुखदेव भट्टी अपने प्रभाव का प्रयोग कर उसके भाई की हत्या वाले केस को हल नहीं होने दे रहा। इसी रंजिश के चलते एक योजना के बाद परमजीत व रोहित ने भट्टी की हत्या की। एस.एस.पी. ने बताया कि फिलहाल दोनों का रिमांड हासिल करे के बाद पूछताछ की जा रही है। मामले में सात नामजद आरोपियों संबंधी भी इनसे पूछताछ की जाएगी। उनके मुताबिक आरोपियों से घटना में प्रयोग किया एक पिस्तोल, पांच जीवित कारतूस व गाड़ी को बरामद कर लिया गया है तथा अभी और पूछताछ जारी है। पकड़ी गई गाड़ी आरोपी रोहित के भाई रमेश्वरजी के नाम पर है।
हाई प्रोफाइल भट्टी हत्या प्रकरण का खुलासा, दो आरोपी काबू
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