सीमाओं के बंधन से रक्तदान कैंप को रखा जाए मुक्त: आई.एस.बी.टी.आई

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। अस्पतालों में खून की कमी से दाखिल मरीजों की बुझ रही जीवन ज्योति को जगमगाकर रखने के लिए खून की जरुरत को पूरा किया जा सकता है। स्वै सेवी संस्थाओं द्वारा खून एकत्रित करने के लिए जागरुकता और खूनदान कैंप अलग-अलग इलाकों में लगाए जाते है। इंडियन सोसायटी ब्लड ट्रांफियूजन और इम्ओनोहेमोटालॉजी (आई.एस.बी.टी.आई.) के पंजाब चैपटर के पैटरन डा. अजय बग्गा ने बताया कि स्वै सेवी संगठनों व प्रदेश और जिले की हद को आधार बनाकर खूनदान कैंप के आयोजन पर पाबंदी लगाना अच्छा कदम नहीं है और इससे खूनदान लहर को घाटा पड़ेगा। पंजाब में चल रहे ब्लड बैंकों द्वारा हिमाचल में खूनदान कैंप लगाना टेढी खीर है जबकि यह ब्लड बैंक हिमाचल के मरीजों को जरुरत पडऩे पर खून उपलब्ध करवाना है।

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चंडीगढ़ के रोटरी ब्लड बैंक रिसोर्स सैंटर द्वारा एन.जी.ओ. शिव शक्ति प्रभात फेरी सेवा समिति के सहयोग के साथ रोपड़ में 12 अगस्त को लगाया गया। खूनदान कैंप भी विवादों के घेरे में है। रोपड़ और आस-पास के सरकारी ब्लड बैंकों का यह कहना कि एन.जी.ओ. द्वारा चंडीगढ़ के ब्लड बैंक को खून देने के साथ सरकारी ब्लड बैंकों में खून उपलब्ध नहीं होता यह दर्शाता है कि खूनदानियों को रोटरी ब्लड बैंक पर विश्वास ज्यादा है। डा. बग्गा ने कहा कि जरुरत यह बात की है कि सभी ब्लड बैंक अपनी कारज प्रणाली में सुधार लाकर लोगों का विश्वास हासिल करे। डा. बग्गा ने कहा कि खूनदानी किसी विशेष ब्लड बैंक को किसी विशेष स्वै सेवी संगठन के द्वारा खूनदान कैंप लगाकर खून देकर मनुष्य की ही सेवा करते है पर प्रदेश में जिले की हद के आधार पर ऐसे कैंपों व रोक लगाना जायजा करार नहीं दिया जा सकता।

आई. एस.बी.टी.आई. के पैटरन ने कहा कि देश में ब्लज बैकिंग प्रणाली में सुधार लाना की जरुरत है। पिछले दिनों जालंधर के एक ब्लड बैंक की कारज प्रणाली सवालों के घेरे में आई थी। उन्होंने कहा कि आर.टी.आई. द्वारा प्राप्त होनी हुई जानकारी मुताबिक नैशनल एड्स कंट्रोल संगठन द्वारा बताया गया है कि वर्ष 2017 दौरान 7 लाख यूनिट खून देश के ब्लड बैंक में प्रयोग में न लाने के कारण खराब हो गया था और वर्ष 2016 दौरान भी 6.69 लाख यूनिट खून खराब हुआ था। डा. बग्गा ने कहा कि सरकार को चाहिए कि जो ब्लड बैंकों में वर्ष दौरान एकत्रित हुए खून में से 1 प्रतिशत से कम खून प्रयोग में न आने के कारण खराब होता है उन ब्लड बैंकों को सम्मानित सामने पेश किया जाए ताकि बाकी के ब्लड बैंक भी प्रेरणा लेते हुए अपनी कार्यप्रणाली में सुधार ला सके।

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