हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: रजनीश शर्मा। शौर्य चक्कर विजेता कर्नल विधि चंद लगवाल ने सशस्त्र सेना का राजनीतिकरण किए जाने पर केंद्र सरकार से बीस सवाल पूछे हैं। हमीरपुर होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में कर्नल लगवाल ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे पत्र की प्रतिलिपियां बाँटी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 15 सितंबर, 2013 को रिवाड़ी में आयोजित रैली में सैनिकों से जो वादे किए थे, वे वादे आज तक पूरे नहीं हो पाए।
उन्होंने कहा कि लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री के संबोधन के समय सेना का जी.ओ.सी दिल्ली एरिया पी.एम. के साथ खड़ा रहता था , जिसे अब हटा दिया गया है। इसी तरह 30 जनवरी व 15 जनवरी की कई सैनिक परंपराओं को मोदी सरकार ने बदलकर सेना का अपमान किया है। कर्नल लगवाल ने आरोप लगाया है कि चार साल में चार रक्षा मंत्री बदलकर केंद्र सरकार ने देश की रक्षा को लेकर ग़लत संदेश दिया है। उन्होंने सियाचिन, गुवहाटी और लेह में तैनात सेना अधिकारियों के वेतन को लेकर अलग-अलग मापदंड अपनाने पर भी सवाल उठाए।
कर्नल लगवाल ने पी.एम से पूछा कि पांचवे वेतन आयोग में सैनिक अधिकारियों के लिए जो राशन स्वीकृत किया था, उसे सातवें वेतन आयोग के दौरान क्यों हटा दिया गया। क र्नल लगवाल ने पी.एम पर सवाल दागा कि जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाने की बात भूल कर देशभर में धारा 377 हटवा दी। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक को यू.पी के चुनाव में भूनाकर सशस्त्र सेना का रजनीतिकरण किया गया। वहीं योग दिवस पर सैनिकों से मेट बिछाना किस प्रकार का सम्मान है। उन्होंने पूछा कि जब 126 राफाल जहाज़ों की ज़रूरत थी तो अधिक क़ीमत पर केवल 36 राफ़ाल जहाज़ ही क्यों खऱीदे गए।